अमृत सरोवर योजना’’ के पेयजल स्रोतों को रिजार्च करने के लिए संयुक्त निरीक्षण दल के सदस्यों ने कैबिनेट मंत्री को दी रिपोर्ट।*

 

*‘‘अमृत सरोवर योजना’’ के पेयजल स्रोतों को रिजार्च करने के लिए संयुक्त निरीक्षण दल के सदस्यों ने कैबिनेट मंत्री को दी रिपोर्ट।*

*देहरादून, ,पेयजल निगम, सिंचाई विभाग, राजस्व तथा वन विभाग के अधिकारियों एवं जियोलॉजिकल एक्सपोर्ट की संयुक्त टीम द्वारा अमृत सरोवर योजनांतर्गत मसूरी विधानसभा के विभिन्न जलस्रोतों को पुर्नजीवित करने के लिए बनाए जाने वाली छोटी झीलों तथा तालाबों के संभावित स्थलों का निरिक्षण कर अपनी संस्तुतियां ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी को दी।
ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी द्वारा विगत बृहस्पतिवार को विधानसभा कार्यालय में आयोजित बैठक में यह निर्देश दिया था कि मसूरी विधानसभा अंतर्गत संतला देवी पर नून नदी में, सिर की पर बांदल नदी में, बडावली में बाल्दी नदी पर, भीतरली में टोंस नदी पर, हल्दीवाला में नून नदी पर, मसंदावाला में नून नदी पर तथा किमाड़ी सुमन नगर राजपुर एवं मालसी में जल स्रोतों के पुनर्जवन हेतु छोटी झील अथवा तालाब बना कर पेयजल स्रोतों को रिचार्ज किया जाना। इस हेतु सभी संबंधित विभागां की एक संयुक्त टीम के द्वारा स्थलीय निरीक्षण कर फिजिबिलिटी जांच किए जाने हेतु शनिवार की तिथि निर्धारित की गई थी।
गाम्य विकास मंत्री ने अवगत कराया कि, देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश की पेयजल समस्याओं पर दूरगामी नीति बनाते हुए, मनरेगा के तहत जल स्रोतों को रिचार्ज करने के लिए छोटे-छोटे झील एवं तालाब निर्माण किए जाने हेतु अमृत सरोवर योजना प्रारंभ की है। जिसके तहत प्रत्येक जनपद में न्यूनतम 75 छोटी झीलें अथवा तालाबों का निर्माण किया जाना है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि आगामी एक सप्ताह के अंदर फिजिबिलिटी रिर्पोट की संस्तुतियों के अनुसार कार्ययोजना प्रस्तुत करें।
समीक्षा बैठक में युसेक के निदेशक डॉ एमपीएस बिष्ट, पेयजल निगम के मुख्य अभियंता एससी पंत भी उपस्थित रहे ।