योग से व्यक्ति हर तरह की आदतों से मुक्त होकर जीवन को एक सुंदर शैली और अनुशासन में ढाल लेता है: योगाचार्य सुमन चौहान

 

अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत द्वारा आयोजित योग प्रशिक्षण शिविर के पांचवें दिन बच्चों ने सीखे विभिन्न आसन

योग से व्यक्ति हर तरह की आदतों से मुक्त होकर जीवन को एक सुंदर शैली और अनुशासन में ढाल लेता है: योगाचार्य सुमन चौहान

स्वस्थ रहने के लिए पुराने समय से ही हमारे ऋषि मुनियों द्वारा याेग काे श्रेष्ठ बताया गया है : मीनाक्षी गोयल

देहरादून , अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत एवं डीडी कॉलेज के संयुक्त तत्वाधान में योग प्रशिक्षण शिविर का आयोजन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ माधव शाखा राजकीय इंटर कॉलेज खुडबुडा देहरादून में किया गया। बच्चों ने विभिन्न असान सीखे और स्वास्थ्य लाभ के गुर जाने। शिविर के पांचवे दिन का शुभारंभ समाजसेवी एवं आरोग्य भारती की प्रांतीय कार्यकारिणी सदस्य श्रीमती मीनाक्षी गोयल जी व योगाचार्य सुमन चौहान और शाखा कार्यवाह श्री वीरेंद्र गोयल जी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस अवसर पर डीडी कॉलेज के योगाचार्य हरमिंदर जी, व योगाचार्य श्रीमती सुमन चौहान जी , के द्वारा योग शिविर में बच्चों को प्राणायाम, नौकासन, हलासन, सर्वांगासन,वक्रासन ,उष्ट्रासन,धनुरासन, शलभासन , पद्मासन,भुजंगासन,पर्वतासन
खासकर सूर्य नमस्कार, ताड़ासन, भस्त्रिका प्राणायाम, कपाल भाति, अनुलोम-विलोम सहित अन्य योग आसनों का अभ्यास कराया गया।


इस अवसर पर मुख्य अतिथि समाजसेवी एवं आरोग्य भारती प्रांत कार्यकारिणी सदस्य श्रीमती मीनाक्षी गोयल जी ने कहा कि स्वस्थ रहने के लिए पुराने समय से ही हमारे ऋषि मुनियों द्वारा याेग काे श्रेष्ठ बताया गया है। आज भी जाे लाेग याेग करते हैं वे याेग न करने वाले लागाें की तुलना में अधिक स्वस्थ देखे गए हैं। याेग हमारे शरीर व मन में नवीन ऊर्जा का संचार करता है
हमें स्वस्थ रहने के लिए योग व व्यायाम करने की आवश्यकता है। इसके लिए योगाभ्यास जरूरी है। याेग के द्वारा ही हम मस्तिष्क व शरीर काे स्वस्थ रख सकते हैं।
इस अवसर पर योगाचार्य हरमिंदर जी ने कहा कि एक स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन और आत्मा का निवास होता है। जब हम कहते हैं कि योग सीखना चाहिए, इसका यह मतलब नहीं कि आसन सीखना। यदि आप योग सीखना चाहते हैं तो योग के सभी अंगों को धीरे-धीरे सीखें। शुरुआत अंग संचालन से करते हैं और फिर धीरे-धीरे यम, नियम साधते हुए आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार व धारणा साधने की सोचते हैं। इस बीच उसे ध्यान, बंध, मुद्रा और क्रियाओं को भी सीखना चाहिए। यदि यह सभी सीख लिया तो समझो कि आप योगी बन गए लेकिन लोग बस आसन ही सीख ले, तो बहुत बड़ी बात है। योग से सकारात्मक सोच का विकास होता है।
इस अवसर पर योगाचार्य सुमन चौहान ने कहा कि लगातार योग करते रहने से आपके जीवन में हर तरह की गलत आदतों से आपको मुक्ति मिल जाती है। कई लोगों में देर से उठने और देर से सोने की आदत होती है। इसी तरह कुछ तो भी बोलने, सोचने, समझने, सुनने की आदत भी होती है। योग से व्यक्ति हर तरह की आदतों से मुक्त होकर जीवन को एक सुंदर शैली और अनुशासन में ढाल लेता है।
इस अवसर पर श्रीमती मीनाक्षी गोयल जी, श्री रामनिवास गुप्ता जी , हरिशंकर सिंह सैनी राजकुमार शर्मा , सावन कुमार , वीरेंद्र गाेयल हर्ष और छात्र आदि उपस्थित रहे।