मनुष्य अन्य प्राणियों से इस आधार पर श्रेष्ठ है कि उसके पास बुद्धि है विवेक है
बुद्ध पूर्णिमा पर विशेष
भगवान बुध का कहना है कि मनुष्य की महानता युद्ध को जीतने से नहीं वरुण खुद पर विजय प्राप्त होने से प्रमाणित होती है दूसरों पर बर्बरता दिखाकर कोई भी मनुष्य अपनी अंतरात्मा को परमात्मा की ओर नहीं ले जा सकता है। यदि प्रत्येक व्यक्ति इसी करुणा के पथ का पालन करें तो मनुष्य को युद्ध एवं आतंकवाद की छाया से मुक्त किया जा सकता है। भगवान बुध का बहुत लोकप्रिय और प्रसिद्ध संदेश है कि यथार्थ जगत में दुखों और पीड़ा ओ को संघर्ष के जरिए नहीं मानसिक प्रयत्नों के द्वारा ही दूर किया जा सकता है। मनुष्य अन्य प्राणियों से इस आधार पर श्रेष्ठ है कि उसके पास बुद्धि है विवेक है वह सोच समझ सकता है और अपनी सोच के अनुसार कुछ भी कर सकता है जिस व्यक्ति की सोच जितनी परिपक्व होगी उसका जीवन उतना ही अधिक व्यवस्थित होगा।
भगवान बुद्ध का जीवन मनुष्य को यह संदेश देता है कि वह शांति करुणा संवेदना के मर्म को समझें आतंकवाद दंगे युद्ध आदि समाज की वेषण बीमारियां हैं जिनके दुष्परिणाम देश के हर नागरिक को झेलने पड़ते हैं इन सब से किसी का कल्याण नहीं हो सकता इनसे दुख इनसे दुख अशांति पीड़ा ही फैलती है। कुछ ऐसी स्थिति समाज की तब थी जब भगवान बुद्ध इस धरा पर आए उन्होंने मानव मन को समझा उसके दुखों के कारणों को जाना और अपनी करुणा का स्रोत बहते हुए उन सभी दुखते मनो को मलीन किया। यही कारण था कि बुद्ध के समय में एक नवीन तरह की क्रांति हुई शांति व करुणा की क्रांति जिसने युद्ध को समाप्त किया शांति का साम्राज्य स्थापित किया और मानव जीवन को सही दिशा दिखाई। आज भगवान बुद्ध की उन्ही शिक्षाओं पर चलने की आवश्यकता है जो उसे आतंक हिंसा युद्ध वह नकारात्मक प्रवृत्ति के मार्ग से हटाकर शांति सेवा शुचिता के मार्ग की ओर ले चले। जो स्थिति व समस्याएं भगवान बुद्ध के समय थी वह आज भी हैं और पहले की तुलना में अधिक विकृत रूप में है काल की गति ने उन्हें ऐसे ही दिव्य प्रयास की आवश्यकता है हम में से प्रत्येक अनुभव कर सकता है आतंकवाद युद्ध दंगे आदि को देखकर ऐसा लगता है कि मानव के अंदर अब संवेदना ही नहीं बची अब उसके अंदर इंसानियत ही नहीं रहे जिसके कारण उसे मानव कहा जा सके अब तो इंसान ही हैवान बन गया है मैं तो उसके प्रकृति का ध्यान है और ना ही प्रकृति में बसने वाले पशु पक्षियों जीव जंतुओं का उसे कोई ध्यान है आज मानव अपने ही स्वार्थ लोग लालच में मानवता के अस्तित्व को गवाने में लगा है ऐसी परिस्थितियों में भगवान बुद्ध की दी गई सी मनुष्य के लिए अत्यंत प्रासंगिक सिद्ध होती नजर आ रही है भगवान बुध का कहना है कि मनुष्य की महानता युद्ध को जीतने से नहीं वरन शिवम पर विजय प्राप्त होने से प्रमाणित होती है। दूसरों पर बर्बरता दिखाकर कोई भी मनुष्य अपनी अंतरात्मा को परमात्मा की ओर नहीं ले जा सकता यदि प्रत्येक व्यक्ति इसी करुणा के पथ का पालन करें तो मनुष्य को युद्ध एवं आतंकवाद की छाया से मुक्त किया जा सकता है।भगवान बुद्ध का बहुत लोकप्रिय और प्रसिद्ध संदेश है कि यथार्थ जगत में दुखों और पीड़ा को संघर्ष के जरिए नहीं मानसिक प्रयत्नों के द्वारा ही दूर किया जा सकता है। मानव अन्य प्राणियों से इस आधार पर श्रेष्ठ है कि उसके पास बुद्धि विवेक है वह सोच समझ सकता है और अपनी सोच के अनुसार कुछ भी कर सकता है जिस व्यक्ति की सोच जितनी परिपक्व होगी उसका जीवन उतना ही अधिक व्यवस्थित होगा भगवान बुध का यह भी कहना है की सितार के तार को अधिक कसने पर अथवा उसे ढीला छोड़ने पर सितार में से बेसुरी आवाज निकलती हैं संगीत को जन्म देने के लिए उसे सम्यक रूप से कसना आवश्यक है उसी प्रकार जीवन को भी सड़क मार्ग पर ले जाने से ही जीवन के मर्म को समझा जा सकता है भगवान बुद्ध ने दुख से मुक्ति के 8 उपायों को अष्टांगिक मार्ग कहां है जिनके नाम सम्यक दृष्टि सम्यक संकल्प सम्यक वाणी सम्यक क्रमांक सम्यक आजीविका सम्यक व्यायाम सम्यक् स्मृति सम्यक समाधि है आज बुद्ध की वाणी उनके कहे गए वचन व संदेश मानव जीवन के लिए उतने ही प्रेरणा प्रद है जितने भी सदियों पूर्व थे भगवान बुद्ध का जन्म मनुष्य के कल्याण के निमित्त हुआ था सत्य की खोज उन्होंने इस कारण की कि लोग दुख से पीड़ित थे उनकी सहायता कैसे की जाए यह उनकी एकमात्र चिंता थी अपने सारे जीवन भर उन्होंने श्रम के लिए एक विचार तक नहीं किया हम अज्ञानी स्वार्थ संकीर्ण मना मानव प्राणी इस पुरुष की महानता को कभी कैसे समझ सकते हैं उनका मानना था कि मनुष्य अपनी मुक्ति स्वयं ही निस्प न करें भगवान बुद्ध की वाणी सुनकर दुर्दांत अंगुली माल का जीवन बदल सकता है उनके जीवन व संदेश से प्रेरणा पाकर आज भी मानवता को नई सोच वह नई दिशा दे पाना संभव है।
देवेंद्र सैनी देव
महासचिव महात्मा ज्योतिबा फुले वेलफेयर सोसाइटी जनपद बिजनौर