मंड़ी समितियों में आढ़तियों /व्यापारियों का नहीं होने दिया जाऐगा उत्पीड़न।*

 

*मंड़ी समितियों में आढ़तियों /व्यापारियों का नहीं होने दिया जाऐगा उत्पीड़न।*

*मंड़ी शुल्क के पुर्न निर्धारण हेतु बनाई कमेटी : गणेश जोशी।*

*देहरादून 27 अप्रैल*, कृषि मंत्री एक बार फिर से एक्शन में दिखाई दिए। आज अपने कैम्प कार्यालय में कृषि विभाग के आला अधिकारियों के साथ हुई बैठक में उन्होंने देहरादून मंण्ड़ी को एक साल के भीतर अन्यत्र शिफ्ट किये जाने तथा मण्ड़ी शुल्क के पुर्ननिर्धारण के लिए एक समिति का गठन किया। इस समिति में अपर सचिव कृषि, अपर सचिव वित्त, अपर सचिव न्याय, एमडी मंड़ी बोर्ड, निदेशक कृषि एवं निदेशक उद्यान सदस्य होंगे। यह समिति एक महीने में अपनी रिपोर्ट पेश करेगी।
कृषि मंत्री ने कहा कि देहरादून राजधानी क्षेत्र में विद्यमान वर्तमान मंड़ी 1989 में बनी थी। जिसमें अनाज मंण्डी नहीं थी। आज की आवश्यकताओं के लिहाज से यह स्थान बहुत छोटा है। इसलिए मैंने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि एक साल के भीतर देहरादून मंड़ी को अन्यत्र शिफ्ट कर दिया जाए। ताकि हम अधिक से अधिक किसानों की फसलों को उचित दाम दिलवा सकें।
उन्होंने कहा कि राज्य में पर्याप्त मात्रा में फल उत्पादित होते हैं। अच्छी गुणवत्ता के फल तो बिक जाते हैं परंतु खराब फलों से वाईन बनाई जा सकती है। ताकि किसानों को अधिकतम लाभ प्रदान किया जा सके। इसलिए अधिकारियों को निर्देशित किया है कि फूट वाईनरी के लिए प्रस्ताव तैयार किया जाए।
अपने ऑर्गेनिक किसानों के उत्पादों को बाजार उपलब्ध करवाने के लिए हम चारधार यात्रा रूट पर ऑर्गेनिक प्रोडक्टस् के आउटलेट खोलने जा रहे हैं। साथ ही पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय की अगुआनी में नेचुरल फार्मिंग के लिए डेडिकेटेड रिसर्च सेंटर की स्थापना के लिए मैंने अधिकारियों को निर्देर्शित किया है। इन प्रयासों से एक ओर किसानों का उनकी उपज का सही मूल्य मिलेगा वहीं दूसरी ओर नौजवानों को हम लाभकारी कृषि से जोड़ कर पलायन जैसे मुद्दे पर भी प्रभावी लगाम लगा सकेंगे।
इस बैठक में सचिव कृषि शैलेश बगौली, अपर सचिव कृषि रामविलास यादव, निदेशक कृषि गौरीशंकर, निदेशक उद्यान हरजिन्दर सिंह बवेजा, मंड़ी सचिव देहरादून मंड़ी, विजय थपलियाल आदि उपस्थित रहे।