*आर्थिक संकट के बीच श्रीलंका में मंत्रिमंडल का सामूहिक इस्‍तीफा*

कोलंबो, एएनआइ। श्रीलंका आर्थिक संकट की मार झेल रहा है। ऐसे में देश को और एक बड़ा झटका लगा है। प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के अलावा श्रीलंका के पूरे कैबिनेट मंत्रियों ने तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे दिया है। पूरा देश जहां आर्थिक तंगी से जूझ रहा है वहीं देश की राजनीतिक स्थिति डगमगा गई है। देश के आर्थिक हालात के खिलाफ लोगों का गुस्सा चरम पर है और देश की सियासत तितर-बितर हो रही है। प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के बेटे नमल राजपक्षे ने अपने सभी विभागों से इस्तीफा दे दिया। हालांकि पीएम महिंदा अभी भी अपने पद पर बने हुए हैं।
श्रीलंका में लोगों का आम जीवन एक बड़ा संघर्ष बन गया है। देश बिजली कटौती के अलावा भोजन, ईंधन और अन्य ढेरों आवश्यक चीजों की भारी कमी का बुरी तरह से सामना कर रहा है। ऐसे में जनता का गुस्सा सरकार पर फूट रहा है, जिसके परिणाम स्वरूप प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे को छोड़कर कैबिनेट के अन्य तमाम मंत्रियों ने अपने पद को त्याग दिया है। सरकार के सभी कैबिनेट मंत्रियों ने एक साझा पत्र पर हस्ताक्षर करते हुए सामूहिक इस्तीफा दे दिया है।
अंग्रेजी अखबार डेली मिरर की रिपोर्ट के अनुसार, सभी कैबिनेट मंत्रियों ने एक सामान्य पत्र पर हस्ताक्षर कर दिया है।‌ यह पत्र फिलहाल श्रीलंका के प्रधानमंत्री के पास है, जिसे राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे को सौंपा जाएगा। बताया जा रहा है कि आने वाले दिनों में नई कैबिनेट का गठन किया जाएगा। वहीं देश के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के बेटे नमल राजपक्षे ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर कहा, ‘मैंने सचिव को सूचित कर दिया है। राष्ट्रपति को तत्काल प्रभाव से सभी विभागों से मेरे इस्तीफे के लिए, उम्मीद है कि यह लोगों और श्रीलंका की सरकार के लिए स्थिरता स्थापित करने के लिए महामहिम और प्रधान मंत्री के निर्णय में सहायता कर सकता है। मैं अपने मतदाताओं, अपनी पार्टी और हंबनथोटा के लोगों के लिए प्रतिबद्ध हूं।
श्रीलंका सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना कर रहा है, जिसके लिए वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के दौरान पर्यटन पर लगी रोक के कारण विदेशी मुद्रा की कमी को जिम्मेदार ठहराया गया है। दैनिक जीवन में संघर्ष कर रहे लोगों द्वारा देशभर में जगह-जगह पर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है, जिसे ध्यान में रखते हुए सरकार ने शनिवार को देशव्यापी कर्फ्यू लागू कर दिया था।