राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक तथा प्रथम सरसंघचालक डॉ. हेडगेवार जी की पुण्यतिथि पर भावभीनी श्रद्धाजंलि

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक तथा प्रथम सरसंघचालक डॉ. हेडगेवार जी की पुण्यतिथि पर भावभीनी श्रद्धाजंलि
 
संघ के वटवृक्ष श्री हेडगेवार जी की देशभक्ति को नमन
 
आज की परमार्थ गंगा आरती और प्रातःकालीन हवन डॉ. हेडगेवार जी को समर्पित
 
 

ऋषिकेश, 1 अप्रैल। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक तथा प्रथम सरसंघचालक डॉ. हेडगेवार जी की पुण्यतिथि पर भावभीनी श्रद्धाजंलि अर्पित करते हुये कहा कि उन्होंने जो मंत्र दिया ‘‘राष्ट्राय स्वाहा, इदं राष्ट्राय इदं न मम”। गुरूजी का राष्ट्र को समर्पित यह मंत्र आज भी संघ परिवार के हृदय में समाहित है। ‘इदं न मम’ यही भारतीय दर्शन है; भारतीय संस्कृति है और सनातन शाश्वत दर्शन है।
स्वामी जी ने कहा कि हम रंग, रूप, वेश-भूषा, धर्म और जाति से भले ही अलग-अलग हो परन्तु हम सब एक है और भारत माता की संतान हैं। हमारे देश का यह सौभाग्य है कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ में श्रद्धेय गुरूजी से लेकर आधुनिक वैज्ञानिक, ऋषि माननीय मोहन भागवत जी तक और स्वयं सेवक संघ परिवार के सभी सदस्य में सेवा, सयंम  और समर्पण का अद्भुत संगम है।
उन्होंने सभी को आपस में मिलकर रहने, सभी के साथ समान व्यवहार करने, आपसी प्रेम और भाईचारा बनाकर रखने का संदेश दिया। इन सूत्रों को आत्मसात करेंगे तो निश्चित रूप से भारत की एकता और अखंडता अक्षुण्ण रहेगी परन्तु उसके लिये हर भारतीय को पूर्ण निष्ठा के साथ भारत की अखंडता के लिये समर्पण भाव से कार्य करना होगा क्योंकि देश हमें देता है सब कुछ हम भी तो कुछ देना सीखें।
डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार जी ने पूरे राष्ट्र को एकता के सूत्र में बाँधने का कार्य किया है।