रूरल सस्टेनेबिलिटी: पूर्वोत्तर की आत्मनिर्भऱता के नए दृष्टिकोण के साथ नए उद्यमियों के जीवन का कायाकल्प, एनईआरसीआरएमएस की एक पहल – डोनर मंत्रालय के तत्वावधान में एक पंजीकृत सोसाइटी
उन्हें अपने दोनों बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए अतिरिक्त आय अर्जित करने हेतु अपने पड़ोसियों से सहायता प्राप्त हुई थी। एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के रूप में काम करने वाले उनके पड़ोसी ने सिलाई का काम सीखने के लिए उन्हें कुछ दिनों के लिए एक सिलाई मशीन उधार दी और उसके बाद सीखने की उनकी प्रबल इच्छा ने उन्हें आजीविका के रूप में कपड़ा सिलाई का काम शुरू करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने अन्य मशीनों पर निर्भर होने के बदले एक टेलरिंग मशीन का मालिक बनने का सपना देखा।
जब गांव में यूजेईआई एनएआरएमजी के अंतर्गत एनईआरसीआरएमएस प्रकाश में आया, तब श्री चकमा एनएआरएमजी की बैठक के माध्यम से एक इकाई का प्रस्ताव देने में सफल हुए। बाद में इसे एडब्लूपीबी-2018-19 के माध्यम से स्थापित किया गया। वे 2019 में टेलरिंग के माध्यम से एनईआरसीआरएमएस, एनईसी, डोनर मंत्रालय, भारत सरकार के अंतर्गत परियोजना के लाभार्थी बने। उन्होंने परियोजना से 10,000/- रुपये प्राप्त किए और उन्होंने सिलाई के लिए आवश्यक उपकरण खरीदा।
प्रारंभ में, अपने परिवार को समर्थन प्रदान करने के लिए उन्होंने अपने गांव में कपड़े सिलाई का काम किया। बाद में, यह एक अतिरिक्त पेशा बन गया, जिसके माध्यम से उन्हें प्रति माह 7,000 रुपये से 9,500 रुपये की कमाई होने लगी। इस पहल के परिणामस्वरूप, वे वित्तीय रूप से ज्यादा मजबूत बन गए और अपने बच्चों की शिक्षा का समर्थन करने में सक्षम हुए।
बाबुलो चकमा ने एनईआरसीआरएमएस और यूजेईआई एनएआरएमजी, चांगलांग के प्रति अपना आभार व्यक्त किया और कहा कि इस परियोजना ने उनके जीवन का कायाकल्प कर दिया है और उन्हें अपने परिवार के लिए वार्षिक आय में बढ़ोत्तरी करने का अवसर प्रदान किया है।