नेहरू युवा केंद्र संगठन और राष्ट्रीय सेवा योजना ने देशभर के 623 जिलों में शहीद दिवस मनाया
नेहरू युवा केंद्र से जुड़े 457 विश्वविद्यालयों के अधीनस्थ 10926 कॉलेजों/संस्थानों ने कार्यक्रमों में हिस्सा लिया
याद रहे कि 23 मार्च, 1931 को भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फांसी दे दी गई थी। इन वीर युवा क्रांतिकारियों तथा हमारे देश के महान सपूतों के सर्वोच्च बलिदान की याद में देशभर में हर वर्ष 23 मार्च को शहीद दिवस मनाया जाता है।
इस बार शहीद दिवस आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान आया है, जिसके आधार पर एनवाईकेएस तथा एनएसएस द्वारा आयोजित शहीद दिवस का महत्त्व और भी बढ़ जाता है। इसकी विषयवस्तु क्रांतिकारियों को श्रद्धांजलि था। विषयवस्तु के मद्देनजर शहीद दिवस 2022 के दौरान नेहरू युवा केंद्र संगठन और राष्ट्रीय सेवा योजना ने देशभर के 623 एनवाईके जिलों तथा एनएसएस से सम्बद्ध विश्वविद्यालयों तथा कॉलेजों/संस्थानों में क्रांतिकारियों के योगदानों को याद किया गया।
इन कार्यक्रमों के माध्यम से इन स्वतंत्रता सेनानियों के जीवन, कार्य और दर्शन के बारे में जानकर युवा पीढ़ी कृतज्ञता, गौरव, सम्मान और कर्तव्य की भावना से ओतप्रोत हुई। इनकी जीवनी से युवा प्रेरित हुये तथा उनमें देशप्रेम और राष्ट्रप्रेम की भावना का संचार हुआ। वे सभी राष्ट्र निर्माण की गतिविधियों में स्वयं को संलग्न करने के लिये प्रेरित हुये।
भारत के स्वतंत्रता संग्राम के इंकलाबी शहीदों की स्मृति में एनवाईके जिलों तथा एनएसएस सम्बद्ध विश्वविद्यालयों ने कई गतिविधियों का आयोजन किया, जिनमें चित्रों पर माल्यार्पण, दीप प्रज्ज्वलन, भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव के जीवन पर गोष्ठियों/सम्मेलनों/व्याख्यानों का आयोजन, शपथ लेना, खेल, स्किट, स्पॉट क्विज, उपहारों का वितरण, प्लॉगिंग, ज्ञानाधारित प्रतियोगितायें, आदि शामिल की गई थीं।
एनवाईकेएस और एनएसएस ने स्वतंत्रता सेनानियों, अकादमीशियनों, कलाकारों, जाने-माने व्यक्तियों, राज्य/जिला प्रशासन को विभिन्न कार्यक्रमों में सम्मिलित किया। एनवाईकेएस और एनएसएस से जुड़े युवा स्वयंसेवियों ने विशेष कार्यक्रमों में हिस्सा लिया, जिनका आयोजन आठ राज्यों तथा दो केंद्र शासित प्रदेशों के 14 स्थानों पर किया गया था। यह आयोजन भारत के स्वतंत्रता संघर्ष के इतिहास के परिप्रेक्ष्य में संस्कृति मंत्रालय ने किया था।