“मुझे यह जानकर प्रसन्नता हो रही है कि क्षयरोग (टीबी) के बारे में जन जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से 24 मार्च 2022 को विश्व क्षयरोग दिवस मनाया जा रहा है। वर्ष 1882 में इसी दिन, डॉ. रॉबर्ट कोच ने टीबी फैलाने वाले जीवाणु की खोज की घोषणा की थी। इस खोज के कारण टीबी जैसी घातक बीमारी के निदान और उपचार का मार्ग प्रशस्त हो सका।
कोविड-19 के प्रकोप और कोरोनावायरस के नए वैरिएंट के उभार से देश की स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली पर अभूतपूर्व दबाव आया। इसके कारण स्वास्थ्य देखभाल से जुड़े बुनियादी ढांचे के समक्ष असाधारण चुनौती खड़ी हो गई। केन्द्र और राज्य सरकारों के साथ-साथ हमारे स्वास्थ्य कर्मियों के संयुक्त प्रयासों से दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान संचालित होने से महामारी के विरुद्ध हमारी लड़ाई मजबूत हुई।
मुझे यह जानकर प्रसन्नता हो रही है कि राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत क्षयरोग के निवारण के प्रभावी उपायों को लागू करने में तत्परता दिखाई गई और बदलते परिवेश के अनुकूल कार्यनीति बदल कर यह सुनिश्चित किया गया कि महामारी के कारण उत्पन्न अनेक चुनौतियों के बावजूद देश भर में टीबी के मरीजों को निरंतर इलाज उपलब्ध होता रहे।
इंडिया टीबी रिपोर्ट 2022 जारी किए जाने के अवसर पर, मैं अपनी शुभकामनाएं देता हूं। मैं इस अवसर पर उन सभी टीबी योद्धाओं को बधाई देता हूं जिन्होंने इस बीमारी से लड़ाई लड़ी है और दूसरों के लिए उदाहरण बने हैं। आइए हम सब 2025 तक टीबी मुक्त भारत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए एकजुट होकर कार्य करें।”