नेशनल हाई-वे में 60 किलोमीटर से पहले नहीं होगा टोल टैक्स, 2024 तक अमेरिकी सङकों की तरह हो जाएगी भारत की सङकें: गडकरी

नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजमार्गो (एनएच) पर 60 किलोमीटर से पहले कोई टोल टैक्स नहीं लगेगा। सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के लिए बजटीय आवंटन पर लोकसभा में चर्चा का जवाब देते हुए मंत्री नितिन गडकरी ने आश्वस्त किया कि 60 किलोमीटर से कम दूरी के सभी टोक नाके खत्म किए जाएंगे। इसके साथ ही गडकरी ने 2024 तक देश की सड़कों को अमेरिकी सड़कों के समान बनाने के दावा करते हुए कहा कि अगले दो साल के भीतर इलेक्टि्रक वाहनों की कीमतें डीजल और पेट्रोल वाहनों के समान हो जाएंगी।
चर्चा के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के अधिकांश सदस्यों ने सड़क एवं राजमार्ग के क्षेत्र में गडकरी के कार्यकाल में हुए कामों की प्रशंसा की और उसमें सुधार के लिए कई सुझाव दिए। वहीं, सदन में कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने सड़क निर्माण को पिछले सरकारों से चली आ रही सतत कोशिशों का हिस्सा बताते हुए सरकारी आकंड़ों पर सवाल उठाए। इसका जवाब देते हुए गडकरी ने कहा कि किस तरह संप्रग सरकार के दौरान तीन लाख 75 करोड़ रुपये की सड़क परियोजनाएं फंसी हुई थीं और उनके प्रयासों से बैंकों के तीन लाख करोड़ रुपये एनपीए होने से बच गए। उन्होंने कहा कि पिछले सात साल में भारत ने सड़क निर्माण में चार व‌र्ल्ड रिकार्ड कायम किए हैं।
गडकरी ने कहा कि देश में सड़कें अब भी परिवहन का मुख्य जरिया बनी हुई हैं और 90 प्रतिशत सवारी व 70 प्रतिशत सामान की ढुलाई सड़क मार्गो से ही होती है। इससे देश के विकास में सड़कों की अहमियत को समझा जा सकता है। उन्होंने बताया कि सरकार अकेले दिल्ली में ही प्रदूषण और जाम की समस्या से निपटने के लिए 62 हजार करोड़ रुपये की परियोजना पर काम कर रही है। उन्होंने विस्तार से विभिन्न परियोजनाओं को गिनाते हुए देश के विभिन्न शहरों को सड़क मार्गो से जोड़े जाने और उनके बीच यातायात में लगने वाले समय में गुणात्मक कमी लाए जाने की जानकारी दी।
गडकरी ने सांसदों को बताया कि सरकार देश में प्रदूषण रहित ईंधन को बढ़ावा देने पर जोर रही है और इस संबंध में पिछले दिनों हाइड्रोजन पर आधारित पहली फ्यूल सेल कार को लांच किया गया है। उन्होंने कहा कि देशभर के शहरों में सीवर के पानी से बड़े पैमाने पर ग्रीन हाइड्रोजन तैयार की जा सकती है। गडकरी के अनुसार, आने वाले दो साल के भीतर इलेक्टि्रक वाहनों की कीमत में भारी गिरावट आएगी और यह पेट्रोल-डीजल वाहनों के समान हो जाएगी। लेकिन इलेक्टि्रक वाहनों को चलाने का खर्च 10 प्रतिशत रह जाएगा। उन्होंने कहा कि देश में बैटरी उत्पादन बढ़ाने के साथ-साथ नई तकनीक पर आधारित बैटरी के विकास पर भी जोर दिया जा रहा है।