ऋषिकेश, । परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने देश के सभी विद्याथियों को उनकी आगामी परीक्षा के लिये शुभकामनायें देते हुये कहा कि विद्यार्थी अपनी पढ़ाई के दौरान अनेक नित नई चुनौतियों और समस्याओं का सामना करते हंै परन्तु हम जीवन में आने वाली समस्याओं से ही सीखते भी हैं। जो समस्याओं से लड़कर सीखता है वही विजेता बनकर उभरते हैं। उन्होंने विद्यार्थियों को संदेश दिया कि परीक्षा के समय खुद को तन से और मन से मजबूत बनाये रखे। आत्मनो मोक्षार्थं, जगत हिताय च यही विद्यार्थियों के जीवन का लक्ष्य हो।
स्वामी जी ने कहा कि ‘मनः शिव संकल्पम् अस्तु’ विद्यार्थी मन शिव संकल्प करने वाला हो, हमारी दृष्टि न दोष दृष्टि और न द्वेष दृष्टि हो। कई बार युवा इन दोनों के प्रभाव में आकर रोष और जोश, आक्रोश और आवेश में आकर समावेश की दृष्टि भूल जाते है इसलिये शांत मन, समता, समरसता और सद्भाव के साथ आगे बढ़ते रहें।
स्वामी जी ने कहा कि जीवन में आने वाली समस्याओं का सामना करने के लिये योग और ध्यान को बढ़ावा दे इससे जीवन में शान्ति आयेगी और आध्यत्मिक उन्नति भी होगी।
स्वामी जी ने कहा कि परीक्षा और परीक्षाफल के समय देश में अनेक झकझोर देने वाली घटनाओं होती है इन घटनाओं से माता-पिता सीख लें और बच्चों पर पढ़ाई का दबाव बनाने के स्थान पर सरल और सहज माध्यम से उन्हें प्रशिक्षित करें। हमें शिक्षा में प्रतिस्पर्धा के स्थान पर नैतिकता का सहारा लेना होगा। साथ ही शिक्षा में गुणवत्ता के साथ परीक्षाओं में नैतिकता तथा अभिवृत्ति को शामिल करने की पहल करनी चाहिये।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने देश के युवाओं का आह्वान करते हुये कहा कि वे केवल एजुकेटेड नहीं, बल्कि कल्चर्ड भी बनें और यही प्रयास सभी माता-पिता को भी करना चाहिये। बच्चे डिग्रियां जरूर ले पर डिग्रिओं के पार भी बहुत कुछ है इसलिये तनाव मुक्त होकर परीक्षा दे और परीक्षाफल के विषय में चिंतित न रहे।