ऋषिकेश, 10 मार्च। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के स्थापना दिवस पर सुरक्षा बल के प्रति अभार व्यक्त करते हुए कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा, विकास और प्रगति में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल का महत्त्वपूर्ण योगदान है।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि हमारे सैनिक देश की सीमाओं पर अद्म्य साहस और बहादुरी के साथ अपने वतन की रक्षा के लिये हमेशा तैनात रहते है और दुश्मनों का सामना करते है। भारत का प्रत्येक सैनिक किसी संत से कम नहीं है। हमारी सीमाओं पर सैनिक हंै तो हमारी सीमायें और हम सुरक्षित है। सैनिक है तो हम हैं और हमारा अस्तित्व है।
स्वामी जी ने कहा कि सैनिक अपनी जान को हथेली पर रखकर अपने देश की रक्षा करते हंै और भारत माता की रक्षा के लिये हसंते-हसंते अपनी जान कुर्बान कर देंते हैं। धन्य है वे माता-पिता जिन्होंने भारत को ऐसे बहादुर सपूत दिये जिनके कारण भारत आज गर्व से खड़ा है।
केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल 10 मार्च, 1969 को तीन बटालियनों के साथ अस्तित्व में आया था और इसका प्राथमिक उद्देश्य सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को संपूर्ण सुरक्षा प्रदान करना था, जो कि उस समय देश की संपूर्ण अर्थव्यवस्था के लिये अत्यंत महत्त्वपूर्ण माना जाता था। वर्तमान में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के तहत 12 रिजर्व बटालियन शामिल हैं।
केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल देश भर में स्थित औद्योगिक इकाइयों, सरकारी अवसंरचना परियोजनाओं तथा अन्य प्रतिष्ठानों को सुरक्षा प्रदान करने का कार्य करता है। इनमें परमाणु ऊर्जा संयंत्र, खदान, ऑयल फील्ड और रिफाइनरियाँ, हवाई अड्डे, समुद्री बंदरगाह, बिजली संयंत्र, दिल्ली मेट्रो तथा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम आदि शामिल हैं।
आज का दिन केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के प्रति नागरिकों के बीच जागरूकता बढ़ाने और प्रमुख संस्थानों की सुरक्षा के लिए सीआईएसएफ कर्मियों का सहयोग करने का संदेश देता है।