मुख्यमंत्री, उत्तराखंड  पुष्कर सिंह धामी   परमार्थ गंगा आरती में किया सहभाग,  स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी से भेंट कर लिया आशीर्वाद

मुख्यमंत्री, उत्तराखंड  पुष्कर सिंह धामी 
 परमार्थ गंगा आरती में किया सहभाग
 स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी से भेंट कर लिया आशीर्वाद
 हिमालय और गंगा हमारी संस्कृति का आधार स्तंभ
 स्वामी चिदानन्द सरस्वती

ऋषिकेश, 31 जनवरी। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जी परमार्थ निकेतन पधारे, उन्होंने परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी से भेंट कर आशीर्वाद लिया। इस अवसर पर निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशनन्द जी, श्री सुबोध उनियाल जी, प्रसिद्ध भक्ति गायक कन्हैया मित्तल जी, रेणु बिष्ट जी, मेयर ऋषिकेश अनीता ममगाई जी पधारे। सभी विशिष्ट अतिथियों *ने स्वामी जी से आशीर्वाद लेकर माँ गंगा की आरती में सहभाग किया।*
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि उत्तराखंड का सौभाग्य है कि हमारे पास कर्मठ और जमीनी स्तर के नेता है इसलिये हमारा उत्तराखंड सम्पूर्ण विश्व के पर्यटन और तीर्थाटन के मानचित्र पर उत्कृष्ट स्थान रखता है। भारतीय विधा योग को वैश्विक पहचान दिलवाने में उत्तराखंड का बहुत बड़ा योगदान है। माननीय मोदी जी के नेतृत्व में उत्तराखंड सरकार माँ गंगा की अविरलता और निर्मलता के लिये भी अद्भुत कार्य कर रही है।
स्वामी जी ने कहा कि माँ गंगा भारत की पहचान है, गंगा माँ ने पृथ्वी पर रहने वाले प्राणियों को जन्म तो नहीं दिया परन्तु जीवन अवश्य दिया है। गंगा युगोेें – युगों से मानवीय चेतना का संचार कर रही है। साथ ही भारतीय अर्थव्यवस्था का मेरूदण्ड भी है। गंगा 40 करोड़ से अधिक लोगों का भरण-पोषण करती है तथा भारतीय अध्यात्म का सार भी माँ गंगा है इसलिये माँ गं गा और उत्तराखंड की हरियाली को बनाये रखना हम सभी का परम कर्तव्य है।
स्वामी जी ने कहा कि उत्तराखंड देवात्मा हिमालय की गोद में बसा है और हिमालय तो हमारे राष्ट्र की उन अमूर्त संस्कृतियों में से एक है जिसने भारत को गौरवान्वित किया है। हिमालय हमारी आध्यात्मिक चेतना का दिव्य स्रोत है; हिमालय से हमारी उन्नति; प्रगति; पूर्णता है और वही हमारी संस्कृति की आधारशिला भी है। हिमालय हमें केवल जीवन ही नहीं देता बल्कि हिमालय जैसा जीवन जीने का हौसला भी देता है। सच तो यह है नो हिमालय, नो गंगा इसलिये हिमालय और गंगा का संरक्षण हेतु सभी को प्रतिबद्ध होना होगा।
माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जी ने कहा कि परमार्थ निकेतन गंगा तट आस्था, व्यवस्था और विद्वत्ता का चुम्बक है जो जनसमुदाय को अपनी ओर आकर्षित करता है। सायंकालीन गंगा आरती अपने आप में एक अनूठा आयोजन है और वैश्विक आकर्षण का केन्द्र भी है। इस दिव्य तट ने न केवल भारतीय समुदाय को बल्कि वैश्विक समुदाय को भी अपनी ओर आकर्षित किया है।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी, श्री सुबोध उनियाल जी, रेणु बिष्ट जी और अनीता ममगाई जी को रूद्राक्ष का पौधा देकर अभिनन्दन किया।