इतिहास में पहली बार मनाई गई पेड की रस्म तेरहवी क्रांतिकारी शालू सैनी द्वारा 27सितंबर को मुजफ्फरनगर के गांव बेलहड़ा के 200 साल पुराने सेमल के पेड़ का अंतिम संस्कार अपने दादा मानकर किया गया था उसके बाद अस्थि विसर्जन व आज रस्म तेहरवी के साथ साथ सभी पुण्य आत्माओं की शांति हेतु महा यज्ञ पंडित संजय शास्त्री जी द्वारा किया गया उसके बाद श्रद्धांजलि सभा दो मिनट का मोन व 51 पौधे लगाए गए
समाजसेवियों से लेकर मंत्री तक सभी ने की भूरी-भूरी प्रशंसा
हजारों लोगोेंने सेमल बाबा की तेरहवी में पहुंचकर प्रसाद किया ग्रहण
मुजफ्फरनगर। साक्षी वेलफेयर ट्रस्ट की राष्ट्रीय अध्यक्ष लावारिसो की वारिस क्रांतिकारी शालू सैनी वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर द्वारा सेमल के पेड़ बाबा की रस्म तेरहवी में सैकडों की संख्या में लोगों ने पहुचकर सेमल के पेड़ बाबा की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। इतिहास में पहली बार किसी महिला द्वारा पेड की रस्म तेरहवी को विधि विधान से पूरा किया गया हैं।शालु सैनी द्वारा किया गया कार्यक्रम जनपद भर में चर्चा का विषय बना हुआ हैं। बुधवार को शामली रोड स्थित कांशीराम आवास में स्थित देवी मंदिर में क्रातिकारी शालू सैनी द्वारा सेमल बाबा के पेड की रस्म तेरहवी को पूरी विधि विधान से किया गया। इस दौरान सैकडों की संख्या में लोगों ने कार्यक्रम में प्रतिभाग कर क्रांतिकारी शालू सैनी की भूरी भूरी प्रशंसा की। वही स्वतंत्र प्रभार मंत्री कपिल देव अग्रवाल द्वारा भी रस्म तेरहवी में शिरकत की गई। कार्यक्रम में पगडी बांधने की रस्म को पूरा करने के दौरान मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने वहां मौजूद लोगों से अपने संबोधन में कहा कि महिला होने के बावजूद किसी भी कार्य को करने से पीछे नही हटती चाहे कार्य कैसा भी हो। उन्होने कहा कि कोरोना काल में जहां लोग अपनों से ही दूर भाग कर जान बचा रहे थे इस परिस्थिति में क्रांतिकारी शालू सैनी द्वारा अपनी जान की फिक्र छोड कर जनता को ही अपना घर परिवार मानते हुए सबकी नि स्वार्थ भाव से सेवा की। उन्होने कहा कि पिछले पांच सालों से क्रांतिकारी शालू सैनी द्वारा लावारिसों के अंतिम संस्कार अस्थिविसर्जन किये जा रहे हैं।जिस कारण आज जिले के साथ साथ समूचे देश में लावारिसों की वारिस के नाम से प्रसि( हो गई हैं। वहीं आज शालू सैनी द्वारा एक अनोखी रस्म तेरहवी का आयोजन कर एक और तंमगा पहन लिया हैंे, क्योकि आज तक इंसानों की रस्म तेरहवी होते सुना था लेकिन आज एक पेड की रस्म तेरहवी होते देख भी लिया और उसमें शिरकत भी की। उन्होने कहा 84 लांख योनियों में एक योनी पेड की भी होती हैं जो मानव के जीवित होने में एक बहुत बडा किरदार प्ले करते हैं और वो हैं ऑक्सीजन का यदि पेड आक्सीजन नही दे तो आदमी जिवित नही रह सकता। उन्होने कहा कि पेड पौधों की तकलीफ को भी क्रांतिकारी शालू सैनी द्वारा अपना मानकर तमाम रस्म निभाने का कार्य किया गया वही क्रांतिकारी शालू सैनी ने पेड़ो का संरक्षक करने का संकल्प लिया ।उपस्थित समाजसेवी स्त्यप्रकास रेशू राजीव सिंघल राजू सैनी मनोज सैनी मंगलेश प्रजापति डा0 योगेंद्र शर्मा बिट्टू सिखेड़ा राजेश कश्यप लोकेश सैनी बसंत कश्यप गीता ठाकुर प्रीति ठाकुर रेनू चौधरी सीमा गोयल शालिनी पूनम साई मनी पाल पुस्पेंदर सैनी आदि सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल रहे