क्या है #डिजिटल_अरेस्ट? कैसे डिजिटल अरेस्ट के बचे, जाने सावधानियाँ
साइबर क्राइम का एक तरीका है जिसमें साइबर ठग, पीड़ित को वीडियो कॉल के ज़रिए घर पर ही बंधक बनाकर रखते हैं और उससे पैसे ऐंठते हैं, यह एक तरह की डिजिटल ब्लैकमेलिंग है !
#डिजिटल_अरेस्ट_से_जुड़ी_कुछ_खास_बातें
– डिजिटल अरेस्ट में साइबर ठग खुद को पुलिस, सीबीआई या किसी और सरकारी संस्था का प्रतिनिधि बताते हैं, वे पीड़ित को झूठे आरोपों में फंसाकर गिरफ़्तारी की धमकी देते हैं !
– वे पीड़ित को ये बताते हैं कि उसके आधार कार्ड, सिम कार्ड, या बैंक अकाउंट का इस्तेमाल किसी गैरकानूनी काम के लिए हुआ है या पीड़ित व्यक्ति का विभिन्न अपराधों में संलिप्तता बताकर गिरफ़्तारी करने के लिए वीडियो कॉल पर बहुत समय बिताने के लिए मजबूर करते हैं तथा पीड़ित को जमानत के लिए कहकर स्कैम करना शुरू करते हैं !
साइबर अपराधी पीड़ित के झूठे कानूनी मामलों को बेनकाब न करने के लिए सहमत होने के बदले उनसे पैसे वसूलते हैं !
डिजिटल अरेस्ट से बचने के लिए इन बातों का ध्यान रखें
किसी भी अनजान कॉल पर भरोसा न करें.
अज्ञात नंबरों या खुद को ईडी या पुलिस अधिकारी बताकर फ़ोन कॉल करने वालों से सावधान रहें.
कभी भी किसी के साथ व्यक्तिगत जानकारी या बैंक डिटेल साझा न करें.
इस तरह के कॉल की शिकायत तुरंत 1930 व नज़दीकी पुलिस थाने में करें.