प्रदीप कुमार
श्रीनगर गढ़वाल। अखिल भारतीय दर्शन परिषद् ,भारत का 68 वां वार्षिक अधिवेशन कश्मीर विश्वविद्यालय,श्रीनगर,कश्मीर के भव्य प्रेक्षागृह में आयोजित किया गया। इस अधिवेशन में सम्पूर्ण भारतवर्ष के विभिन्न प्रदेशों के दर्शन जगत से जुड़े लगभग चार सौ शिक्षाविदों,आचार्यों और अध्येताओं ने प्रतिभाग किया। इस अधिवेशन के उद्घाटन सत्र में परिषद् द्वारा दर्शनशास्त्र के क्षेत्र में लेखन इत्यादि उल्लेखनीय कार्य करने वाले कुछ शिक्षाविदों को प्रतिष्ठित पुरस्कार और सम्मान प्रदान किए गए। वर्ष 2023 हेतु ख्यातिलब्ध प्रो सोहन राज तांतेड़ दर्शन पुरस्कार हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के दर्शनशास्त्र विभाग में सहायक आचार्य सुविख्यात लेखिका डॉ.कविता भट्ट को प्रदान किया गया। ज्ञात हो कि योग, दर्शन और साहित्य के क्षेत्र में ‘शैलपुत्री’ नाम से ख्याति प्राप्त डॉ.भट्ट को यह पुरस्कार उनकी कृति ‘घेरंड संहिता में षट्कर्म, योगाभ्यास और योग’ के लिए दिया गया। लगभग साढ़े तीन सौ पृष्ठों की यह पुस्तक भारतवर्ष के सबसे पुराने प्रकाशकों में से एक चौखंभा संस्कृत प्रतिष्ठान,दिल्ली से प्रकाशित है। यह पुरस्कार प्रो.नीलोफर खान,कुलपति,कश्मीर विश्वविद्यालय,प्रो.जटाशंकर,अध्यक्ष,अखिल भारतीय दर्शन परिषद्,प्रो.ज्योति स्वरूप दुबे,सचिव,अखिल भारतीय दर्शन परिषद्,प्रो.मेराज अहमद,विभागाध्यक्ष,संस्कृत विभाग,प्रो.मठवाले इत्यादि दर्शनशास्त्रियों और शिक्षाविदों के द्वारा दिया गया। इस अवसर पर दर्शन और शिक्षण जगत से जुड़ी विभूतियां,शोधार्थी और अध्येता उपस्थित रहे। ध्यातव्य है कि शैलपुत्री नाम से ख्यातिलब्ध डॉ.कविता भट्ट लगभग विगत 25 वर्षों से भारतीय दर्शन,योगदर्शन,गीतादर्शन,महिला सशक्तीकरण और हिन्दी साहित्य पर केंद्रित लेखन और दर्शन के गूढ़ विषयों के लोकव्यापीकरण हेतु समर्पित रही हैं; जो एक गंभीर लेखिका, प्रखर व्याख्याता और शिक्षाविद हैं। डॉ.भट्ट की विभिन्न विधाओं पर केंद्रित 27 पुस्तकें, अनेक शोध पत्र,लोकप्रिय आलेख सहित सैकड़ों साहित्यिक रचनाएं और कविताएं प्रकाशित हैं। डॉ.भट्ट की रचनाएं देश विदेश की अनेक भाषाओं में अनूदित हो चुकी हैं। ज्ञात हो कि डॉ.कविता भट्ट को अखिल भारतीय साहित्य अकादमी पुरस्कार साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश और हिंदी चेतना सृजन सम्मान,केनेडा सहित अनेक अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय पुरस्कार/सम्मान पूर्व में ही प्राप्त हो चुके हैं। अनेक वैदेशिक पटलों सहित भारतीय उच्चायोग,अनेक मंत्रालयों,साहित्य अकादमियों और शिक्षण संस्थानों इत्यादि द्वारा डॉ.भट्ट को निरंतर व्याख्यान हेतु आमंत्रित किया जाता है। डॉ.कविता भट्ट ने इस पुरस्कार के लिए अखिल भारतीय दर्शन परिषद् के समस्त पदाधिकारियों और निर्णायक मंडल को धन्यवाद ज्ञापित किया। पुरस्कार से विश्वविद्यालय परिवार और उनके प्रशंसकों में हर्ष की लहर है। कश्मीर से लौटकर उन्होंने बताया कि परिषद् के द्वारा 10 से 12 जून, 2024 तक आयोजित इस अधिवेशन में कश्मीर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो.नीलोफर खान ने विश्वविद्यालय में दर्शनशास्त्र विभाग खुलवाने की भी घोषणा की गई और बताया गया कि इस सत्र से इस विभाग में पढ़ाई आरम्भ हो जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि विद्यार्थियों को तार्किक शक्ति के विकास,प्रतियोगी परीक्षाओं तथा नैतिक उत्थान हेतु दर्शनशास्त्र का अध्ययन अवश्य करना चाहिए। विश्वविद्यालय में दर्शनशास्त्र विभाग खुलवाने के लिए अखिल भारतीय दर्शन परिषद् के पदाधिकारियों का विशेष अनुरोध और प्रयास फलित होने से परिषद् ने प्रसन्नता व्यक्त की।