भगवान बद्रीविशाल की पवित्र तेलकलश (गाडू घड़ा) दर्शन के लिए श्रीनगर में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड*

प्रदीप कुमार

श्रीनगर गढ़वाल। उत्तराखंड की सांस्कृतिक देवनगरी श्रीनगर में 27 अप्रैल 2024 शनिवार को विश्व प्रसिद्ध भगवान बद्रीविशाल की पवित्र गाडू घड़ा तेलकलश शोभा यात्रा ऋषिकेश से सांयकाल 7 बजे श्रीनगर विश्वविद्यालय गेट के समीप पहुंचने पर शहर वासियों द्वारा पुष्प वर्षा और ढोल-दमाऊं की मधुर धुनों के साथ किया भव्य स्वागत।
विश्व प्रसिद्ध भगवान बद्रीविशाल पवित्र तेलकलश लेप एवं अखंड ज्योति के लिए तिल का तेल नरेंद्रनगर के राजमहल में राजघराने की रानी और सुहागिन महिलाएं पीले वस्त्र धारण किए सज धज कर सिलबट्टे से तिलों का तेल निकलती हैं,इस घड़े में तिलों के तेल को रखकर कपाट खुलने से पूर्व बद्रीनाथ लाया जाता है इस घड़े में भगवान का 6 माह का तेल होता है जो भगवान के पट खुलने से लेकर पट बंद होने के अंतिम दिन तक अभिषेक के बाद नित्यरूप से लगाया जाता है। और भगवान बद्री विशाल का श्रृंगार किया जाता है और पारंपरिक रीति रिवाज के अनुसार तेल चांदी के कलश में भरा जाता है।
बद्रीविशाल की पवित्र तेलकलश यात्र में ढोल-दमाऊं की मधुर ध्वनि और भक्तों के जय बद्री विशाल जयकारों के साथ देवनगरी के पूरे क्षेत्र को भक्तिमय बना दिया,श्रीनगर के मुख्य मार्गों का भ्रमण विश्वविद्यालय गेट से रोड़वेज बस स्टैंड,पीपल चौरी,आढ़ात बाजार,गणेश बाजार,ऐतिहासिक गोला बाजार,अपर बाजार,सब्जी मण्डी,गुरुद्वारा रोड़,काला रोड़,ब्राह्मण मोहल्ला होते हुए बद्री केदार गेस्ट हाउस डालमिया विश्राम गृह में रात्रि विश्राम हेतु पहुंचती हैं। इस अवसर पर गाडू घड़े के साथ धर्माधिकारी व आशुतोष डिमरी तीर्थ पुरोहित मौजूद रहे उन्होंने बताया कि 12 मई को कपाट खुलने के बाद गाडू घड़े को बद्रीनाथ मन्दिर के गर्भगृह में रख दिया जाएगा जिसका इस्तेमाल रोज अभिषेक में किया जाएगा। इस शुभ अवसर पर श्रीनगर व्यापार सभा के अध्यक्ष दिनेश असवाल को भगवान बद्रीविशाल के आशीर्वाद स्वरूप उन्हें तेलकलश शोभा यात्रा के पुरोहित ने उन्हें बद्रीविशाल का पटका व फूलमाला पहनाकर प्रसाद दिया। श्रीनगर की मातृशक्ति द्वारा भजन कीर्तन कर अपने भगवान बद्री विशाल को याद किया। तत्पश्चात सांयकाल को धर्मशाला में डिमरी पुरोहितों द्वारा कलश पूजा व श्री बद्रीनाथ की संध्या आरती की गई। 28 अप्रैल रविवार को पूजा दर्शन के पश्चात केशर भोग प्रसाद में श्रद्धालु भक्तगण बड़ी संख्या में दर्शन करने पहुंचते हैं। प्रातः काल भगवान बद्री विशाल के पवित्र गाडू घड़ा पूजन आरती के बाद भोग लगाया गया और भक्तगण बड़ी संख्या में आकर भोग प्रसाद ग्रहण करते हैं,इस अवसर पर घंटाकरण मन्दिर के रावल दिनेश जोशी व मंदिर समिति के सदस्य पदाधिकारी भी मौजूद रहे। और लगभग 11 बजे श्रीनगर से तेलकलश यात्रा का प्रस्थान मां भगवती धारी देवी से होते हुए अगले पड़ाव कर्णप्रयाग को रवाना हुई।
भगवान बद्रीनाथ गाडू घड़ा तेलकलश यात्रा का श्रीनगर व्यापार मंडल व श्रद्धालु भक्तों ने भव्य स्वागत किया जिसमें दिनेश असवाल,राजीव बिश्नोई श्रीराम ज्वेलर्स,एडवोकेट सुमन रावत,लखपत सिंह भंडारी,जितेंद्र धीरवाण,वासुदेव कंडारी, कुशलानाथं,सुरेंद्र चौहान,आनंद सिंह भंडारी,उमेद सिंह मेहरा,शैलेंद्र मिश्रा,सते सिंह भंडारी,राजेंद्र प्रसाद बड़थ्वाल,अणथ्वाल,गणेश भट्ट,पंकज सती आदि भक्तगण उपस्थित रहे।