प्रदीप कुमार
श्रीनगर गढ़वाल। श्रीनगर के निकट देवलगढ़ स्थित सिद्धपीठ मां भगवती गौरा देवी ऐतिहासिक बैसाखी पर्व पर भव्य मेला आयोजित हुआ। जिसमें मुख्य आकर्षण बैसाखी पर्व पर मां गौरा को झूला झूलाकर खिलाया जाता है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार मां भगवती गौरा का मायका सुमाड़ी गांव है और देवलगढ़ ससुराल इस कारण हर साल एक विशेष उत्सव के दौरान मां की विदाई के लिए सुमाड़ी व आसपास के ग्रामीणवासी इस धार्मिक यात्रा का आयोजन करते हैं, कहा जाता है कि गौरा देवी सुमाड़ी के काला परिवारों की कुल देवी है। ग्रामीण क्षेत्रों के गांववासी अलग-अलग गांवों से ढोल-दमाऊ के साथ मां गौरा के जय कारे लगाते हुए देवलगढ़ पहुंचते हैं। इस मौके पर मां गौरा देवी मंदिर देवलगढ़ में श्रद्धालुओं व भक्तगणों का ताता लगा रहा।मां भगवती गोरा का झूला मेला 13 अप्रैल वैशाखी को पांच बजे के आसपास संपन्न हुआ। निकटवर्ती ग्रामवासी एवं दूर दराजों से आएं भक्तगण प्रात:से ही मां भगवती गौरा एवं क्षेत्रपाल देवता के दर्शनों के लिए लाइनों में लगे रहे। हजारों की संख्या में भक्तजन देवलगढ़ पहुंचे सुमाड़ी के ग्रामवासी ढोल दमाऊ के मां गौरा के जयकारे लगाते हुए मंदिर में पहुंचे। सुरालगांव के लोग मां भगवती गौरा का झंडा व ढोल दमाऊ के साथ मां भगवती के प्रांगण में पहुंचे। ठीक 3 बजे अपराहन श्री काल भैरवनाथ के निशान के साथ मां गोरा की डोली गर्भ ग्रह से बाहर झूलने के लिए निकली गई हजारों भक्तों के जयकारों के साथ मां गोरा को झूला झुलाया। झूला झूलाने वालों में संजय बहुगुणा,जितेंद्र डंगवाल,मनीष कप्रवांण,ताजवर सिंह,मंगल सिंह,मयंक,श्याम सिंह,गणेश,देवेंद्र पुंडीर,रुकुम सिंह,नीरज थपलियाल,शिवम,अखिलेश थपलियाल आदि लोगों ने मां भगवती को झूला झुलाया ठीक समय 3.45 से 4.45 मां भगवती गौरा ने सभी भक्तों को सुख समृद्धि एवं सभी मनोकामनाएं पूर्ण होने का आशीर्वाद देकर मां भगवती अपने गर्भ ग्रह में विराजमान हो गई।