श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ के छठवें दिवस की कथा सुन कर भाव विभोर हुए श्रद्धालु-भक्तगण पूरा पंडाल जयकारों से गूंजा

 

प्रदीप कुमार

देहरादून/श्रीनगर गढ़वाल। आज राजधानी देहरादून के निकट प्रेमनगर में स्मिथ नगर में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के छठवें दिवस की संदर्भ में व्यास पीठ पर विराजमान बृजमोहन डिमरी ने कहां कि हृदय स्थित कमल में आत्मबोध कराने हेतु तथा जगत कल्यार्थ के लिए भगवान मानव रूप धारण कर धर्म का मार्ग बताते हुए सबके साथ प्रेम सद्भाव रखने की प्रेरणा देते हैं। कथा में आज के प्रसंग में बाल रूप बनाकर भगवान जब नंद यशोदा के घर आएं तो नंद के आनंद भयो के अनुसार खुशी का ठिकाना न रखा स्वस्ति वाचन जातकर्म करते ब्राह्मणों को जी भर के दान दिया। भगवान ने ग्वाल-बाल के के साथ माखन चोर लीला का तत्वबोध करते हुए कहा कि जीवन रूपी परिश्रम का फल स्वयं को मिलना चाहिए परिश्रम तुम्हारा है दूध दही वह मक्खन कौन से जैसे दुराचारों व उसके अनुज चरणों को मिल रहा है। प्रसंग सुनकर श्रद्धालु भाव विभोर हो कर नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की के जयकारों से गूंज उठा और इस दौरान श्रद्धालु भक्तगण झूमने नाचने लगे। आयोजकों ने अपने पितरों की तृप्ति हेतु श्रीमद् भागवत महापुराण ज्ञान यज्ञ करने वाले मुख्य यजमान प्रताप सिंह बिष्ट,राधा बिष्ट,खड़क सिंह बिष्ट, भागीरथी देवी द्वारा सभी कथा प्रेमियों को प्रसाद वितरण करवाया।
श्रीमद् भागवत कथा में मुख्य आचार्य पंडित शशि मोहन थपलियाल,यजमान के कुल पुरोहित रमेश चंद्र मिश्र,पंडित चंद्र मोहन थपलियाल,पंडित हरीश ममगाई,पंडित आनंद पालीवाल,पंडित भास्कर गैरोला, अनिल काला,दिनेश नौटियाल, रितेश चमोली,आदि यजमानों में हरिकृष्ण बिष्ट,सुनैना देवी,उदय सिंह बिष्ट,महेंद्र सिंह रावत,पुष्पा देवी,विश्वंभरी देवी,धीरज बुटोला, नंदन सिंह बिष्ट,कुन्दन सिंह मेहरा,राजकमल बिष्ट,पूजा बिष्ट, कर्ण सिंह बिष्ट,अशोक रावत, दीपिका रावत,अंजू पंवार,कमल रावत,पुष्कर सिंह रौथाण,अनीता देवी रौथाण,विजय सिंह भंडारी,खेम सिंह,नमिता रावत, नीलम रावत,राहुल सिंह बिष्ट, आदि लोगों ने कथा श्रवण किया।