* गबर सिंह भण्डारी
देहरादून/श्रीनगर गढ़वाल। स्मिथ नगर प्रेमनगर देहरादून में श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञान मह कथा के तत्वाधान में आयोजन कर्ता कैप्टन सेवानिवृत प्रताप सिंह विष्ट,एसआई खड़क सिंह बिष्ट।
श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ में सबसे प्रथम कलश यात्रा से प्रारंभ हुआ जिसमें महिलाओं ने बढ़ चढ़कर भाग लिया। व्यास पीठ पर विराजमान आचार्य (व्यास) पं.बृजमोहन डिमरी ने प्रथम दिवस के कथा में कहा कि विना ज्ञान की भक्ति अपड के सदृश है। भक्ति के ज्ञान-वैराग्य सिद्ध परक होने” पर विवेक जैसे पुत्र को जन्म देती है। सद्गुरु द्वारा सत्संग की प्रेरणा मिलने पर जीव का हृदयस्थित अज्ञान निवृत होकर हृदयाकाश में ज्ञानरूपी दीपक प्रज्वलित होने लगता है। यद्यपि भक्ति के दोनों पुत्र ज्ञान-वैराग्म मूर्धित थे। वस्तुत सद्गुरु नारद की ज्ञानरुपी जादू की छड़ी लगने से दोनो जागृत हो उठे। हृदन्तरप्रभु की चरण-शरण उन्हें प्राप्त हुई। आचार्य ने कहा है कि भक्ति ज्ञान का अस्तित्व जाने विना जैसे-वैराग्य सिद्ध नहीं होता। ठीक उसी भाँति वर्तमान समय में जीव अपने जीवन ज्ञानरुपी कल्याण क्रांति मार्ग की ओर न जाकर दूरव्यशन शिकार हो जाता है, आचार्य ने कथा श्रोताओं को मंत्रमुग्ध करते हुए अत्यधिक भान विभोर किया। चन्द्र मोहन थपलियाल,हरीश ममगाई,आनंद पालीवाल,भास्कर गैराला कुलपुरोहित,रमेश चंद्र मिश्र,दिनेश नौटियाल,शशी मोहन थपलियाल,अनिल काला,राधा विष्ट,प्रताप सिंह,खड़क सिंह,भागीरथी देवी,पुष्पा देवी,महेंद्र सिंह रावत,हरि बिष्ट,सुनैना देवी,उदय सिंह बिष्ट,गबर सिंह भण्डारी,पुष्कर सिंह रौथाण,अनीता देवी,विजय सिंह भण्डारीआदि कथा में उपस्थित थे।