मॉरीशस में धर्म संस्कृति की सेवाएं देकर आए डॉ.उनियाल का किया स्वागत

प्रदीप कुमार

देवप्रयाग/श्रीनगर गढ़वाल। मॉरीशस में पौरोहित्य कार्य में एकरूपता लाने तथा धर्म, संस्कृति, संस्कृत के प्रचार-प्रसार के लिए गये श्री रघुनाथ कीर्ति परिसर के वेद विद्या शाखा के सहायक आचार्य डॉ.शैलेंद्र प्रसाद उनियाल के परिसर में आने पर अभिनंदन किया गया। इस अवसर पर उन्होंने मॉरीशस की धर्म-संस्कृति एवं सामाजिक जीवन की सविस्तार समीक्षा की।
मॉरीशस में पौरोहित्य तथा धार्मिक कर्मकांड में एकरूपता लाने के उद्देश्य से केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के वेद के दो सहायक आचार्य डॉ.शैलेंद्र प्रसाद उनियाल (रघुनाथ कीर्ति परिसर, देवप्रयाग) तथा डॉ.डी.दयानाथ (रणवीर परिसर, जम्मू) वहां भेजे गये थे। दोनों ने बतौर विजिटिंग प्रोफेसर लगभग छह माह तक वहां कार्य किया। मॉरीशस सरकार ने केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के इस सहयोग और वेद आचार्यों के कार्य की सराहना की।
कार्य पूरा होने के बाद परिसर लौटे डॉ.उनियाल का परिसर परिवार की ओर से स्वागत किया गया। निदेशक प्रो.पी.वी.बी.सुब्रह्मण्यम ने अंगवस्त्र भेंटकर उन्हें सम्मानित किया। डॉ.उनियाल ने निदेशक प्रो.सुब्रह्मण्यम और पुस्तकालयाध्यक्ष नवीन डोबरियाल को मॉरीशस सनातन धर्म मंदिर महासंघ द्वारा प्रकाशित पुस्तक ‘पौरोहित्य प्रकाश’ भेंट की। इसका संपादन डॉ.उनियाल और डॉ.डी दयानाथ ने किया है। डॉ.उनियाल ने इस अवसर पर विदेश के अनुभव साझा करते हुए मॉरीशस के धार्मिक और सामाजिक जीवन की विशेषताएं रेखांकित कीं। इस अवसर पर केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के गरली (हिमाचल) परिसर के अद्वैत वेदांत शाखा समन्वयक डॉ.मंजूनाथ समेत परिसर के प्राध्यापक और गैरशिक्षण कर्मचारी उपस्थित रहे।