राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान श्रीनगर व भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मंडी हिमाचल के साथ शैक्षणिक व अनुसंधान सहयोग में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

प्रदीप कुमार

श्रीनगर गढ़वाल। राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षा एवं अनुसंधान के क्षेत्र में पारस्परिक हितों को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी), उत्तराखंड ने मंगलवार को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मंडी, हिमांचल प्रदेश के साथ शैक्षणिक और अनुसंधान सहयोग पर एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।
समझौता ज्ञापन पर एनआईटी उत्तराखंड के माननीय निदेशक प्रोफेसर ललित कुमार अवस्थी और आईआईटी मंडी के माननीय निदेशक प्रोफेसर लक्ष्मीधर बेहरा ने हस्ताक्षर किए।
समझौता ज्ञापन समारोह में एनआईटी, उत्तराखंड के डीन आर एंड सी, डॉ सनत अग्रवाल एवं आईआईटी मंडी से अकादमिक मामलों के डीन डॉ अनिरुद्ध चक्रवर्ती उपस्थित थे। इस समझौता ज्ञापन के दायरे में पारस्परिक हित के क्षेत्रों में अकादमिक और अनुसंधान सहयोग, छात्रों के लिए संयुक्त कैंपस प्लेसमेंट ड्राइव आयोजित करना, अकादमिक जानकारी का आदान-प्रदान, विद्वानों की जानकारी, सामग्री और पारस्परिक समझौतों के आधार पर प्रकाशन, छात्रों और शिक्षकों का आदान-प्रदान, संयुक्त सेमिनार, कार्यशालाएं, अन्य शैक्षणिक बैठकें प्रशासनिक अधिकारियों के बीच ज्ञान का आदान-प्रदान आदि शामिल हैं।
समझौता ज्ञापन पर अपना दृष्टिकोण साझा करते हुए प्रो. ललित कुमार अवस्थी ने कहा कि शैक्षणिक संस्थानों के बीच सहयोग की परंपरा सदियों से चली आ रही है परन्तु ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था के उदय ने शैक्षणिक संस्थानों के बीच रणनीतिक साझेदारी की आवश्यकता को तीव्र कर दिया है। उन्होंने कहा “यह वास्तव में बहुत खुशी की बात है क्योंकि दो तकनीकी संस्थान ऐतिहासिक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के लिए एक साथ आ रहे हैं। यह समझौता ज्ञापन हमारे संबंधों को और मजबूत करेगा और हमें तकनीकी आयामों के माध्यम से मानवता और राष्ट्र की सेवा करने में सहयोग करेगा।
प्रोफेसर अवस्थी ने कहा ” समझौता ज्ञापन में छात्र आदान-प्रदान कार्यक्रम के अंतर्गत एनआईटी, उत्तराखंड के छात्रों का आईआईटी मंडी में सीधे पीएचडी प्रोग्राम में प्रवेश का प्रावधान किया गया है। इस योजना के तहत, एनआईटी उत्तराखंड के छात्र अपने छठे सेमेस्टर तक निर्धारित मानकों को पूरा करने के बादवे गर्मियों में एक परियोजना कार्य के लिए आवेदन करने और आईआईटी मंडी में अपने चौथे वर्ष को पूरा करने के लिए पात्र होंगे, और सभी स्नातक आवश्यकताओं को पूरा करने के बाद आईआईटी मंडी में पीएचडी कार्यक्रम में जल्द प्रवेश के लिए विचार किया जाएगा”। उन्होंने कहा कि आईआईटी मंडी में रहने के दौरान, छात्र को विजिटिंग स्टूडेंट का दर्जा मिलेगा, और आईआईटी मंडी में पूर्णकालिक छात्र के सभी विशेषाधिकारों का लाभ मिलेगा। एक विजिटिंग छात्र के रूप में आईआईटी मंडी में रहने के दौरान, छात्र से कोई शैक्षणिक शुल्क नहीं लिया जाएगा, सिवाय लागू निश्चित शुल्क के। साथ ही बी टेक डिग्री पूर्ण होने तक आईआईटी मंडी एक साल की अवधि के दौरान नियमित दरों पर ऑन-कैंपस या ऑफ-कैंपस हॉस्टल आवास प्रदान करेगा।
आईआईटी मंडी के निदेशक प्रोफेसर लक्ष्मीधर बेहरा ने समझौता ज्ञापन को सकारात्मक कदम बताते हुए कहा कि यह समझौता ज्ञापन एनआईटी उत्तराखंड और आईआईटी मंडी के बीच अकादमिक साझेदारी और फलदायी अनुसंधान सहयोग को प्रोत्साहित करेगा। उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वास है कि यह साझेदारी दोनों संस्थानों में औद्योगिक जरूरतों के अनुरूप स्नातकों को तैयार करने में मदद करेगी।
प्रोफेसर बेहरा ने आगे कहा कि इस समझौता ज्ञापन के तहत कहा,”एनआईटी उत्तराखंड के संकाय आईआईटी मंडी का दौरा कर सकते हैं, जबकि आईआईटी मंडी के संकाय सदस्य एनआईटी उत्तराखंड परिसर का दौरा कर सकते हैं।