प्रदीप कुमार
श्रीनगर गढ़वाल। उत्तराखंड के परम्परागत फसलों एवं भोजन के उत्सव गढ़ भोज दिवस को वृहद रूप से मनाया जाएगा,राज्य सरकार के द्वारा स्कूल,कालेजों, स्वास्थ्य विभाग एवं विश्व विद्यालय को पत्र जारी कर अनिवार्य रूप से गढ़ भोज दिवस मनाने के निर्देश जारी किए गए।
पर्वतीय विकास शोध केंद्र के नोडल अधिकारी डॉ.अरविंद दरमोडा ने बताया की नई पीढ़ी परम्परागत मोटे अनाजों से बनने वाले भोजन को जाने इसे अपनी थाली का हिस्सा बनाए और उत्तराखंड की समृद्ध भोजन परंपरा को देश दुनिया के सामने लाने के लिए हिमालय पर्यावरण जड़ी बूटी एग्रो संस्थान जाड़ी के द्वारिका प्रसाद सेमवाल एवं प्रणेता गढ़ भोज अभियान वर्ष 2000 से गढ़ भोज अभियान के माध्यम से प्रयासरत है। राज्य में लोगो को जोड़ने के साथ ही सरकारों का ध्यान भी स्थानीय भोजन को बढ़ावा देने के लिए बेहतरीन प्रयास किए गए। उनके द्वारा वर्ष 2021 को गढ़ भोज वर्ष के रूप में मनाया गया, जिसमे सम्पूर्ण राज्य ने भाग लिया। वर्ष 2022 में उत्तराखंड सरकार के द्वारा वर्षो से गढ़ भोज को मिड डे मील योजना में शामिल करने की मांग को स्वीकार कर इसे मिड डे मील में शामिल किया गया।
वर्ष 2022 से 7 अक्तूबर को प्रथम गढ़ भोज दिवस के अवसर पर शिक्षा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ.धन सिंह रावत ने बच्चो को गढ़ भोज खिला कर मिड डे मिल में गढ़ भोज की शुरुआत की।
गढ़ भोज दिवस की कल्पना के पीछे मात्र एक उत्सव का विचार नहीं है बल्कि वर्ष में कम से कम एक दिन उत्तराखंड के औषधीय गुणों से भरपूर फसलों से बनने वाले भोजन को मुख्यधारा से जोड़ने पर चर्चा करना व उन लोगो के प्रति कृतज्ञता प्रेषित कर सके जिन्होंने विरासत में हमे यह फसलें व भोजन दिए।
इस वर्ष उत्तराखंड सरकार के कैबिनेट मंत्री डॉ.धन सिंह रावत ने शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग, सहकारिता विभाग एवं उच्च शिक्षा विभाग को गढ़ भोज दिवस मनाने के निर्देश जारी किए। राज्य में स्कूल, कालेज,स्वास्थ्य विभाग के साथ विदेशों में रहने वाले भारतीय प्रवासी अमेरिका,जर्मनी न्यूजीलैंड, नीदरलैंड सहित भारत के गुजरात, उत्तरप्रदेश,दिल्ली में भी गढ़ भोज दिवस मनाया जायेगा।
स्कूल, कालेजों,मेडिकल कालेजों व अस्पतालों में सेमिनार, निबंध प्रतियोगिता, भाषण प्रतियोगिता, स्वाद प्रतियोगिता एवं गढ़ भोज बनेगा।
देहरादून में राजीव गांधी नवोदय विद्यालय ननुर खेड़ा रायपुर में मुख्य कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है जिसमे पर्वतीय विकास शोध केंद्र, तत्व फाउंडेशन, जाड़ी संस्थान एवं उच्च शिक्षा विभाग द्वारा नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए प्रो.यतीश वशिष्ठ के द्वारा सहयोग किया जा रहा है।
देहरादून की आयोजन समिति में डॉ.अरविंद दरमोडा,आकांक्षा जैसवाल, गिरिधर बोरा, प्रो.यतीश वशिष्ठ, बलवीर कांडरी, गिरीश थपलियाल का विशेष सहयोग है।
डॉ.अरविंद दरमोडा
गढ़ भोज अभियान