लविशा
देहरादून, छात्र-छात्राओं को रोजगार देने और उनको स्वावलंबी बनाने के लिए स्वावलंबी भारत अभियान के अंतर्गत सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज द्वारा देहरादून में उद्यमिता प्रोत्साहन सम्मेलन (Entrepreneurship Promotion Conference) कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली बालिकाओं युवतियों को नारीशक्ति सम्मान से सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का शुभारम्भ कार्यक्रम मुख्य अतिथि मुख्य वक्ता राजेंद्र रमोला सह महानगर संघचालक उत्तरी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, विशिष्ट अतिथि श्रीमती प्रीति शुक्ला प्रांत महिला समन्वयक स्वावलंबीभारत अभियान, विभाग संयोजिका मातृशक्ति विश्व हिंदू परिषद द्वारा दीप प्रज्ज्वलन कर के किया गया।
कार्यक्रम में पहुंचे मुख्य अतिथि श्रीमान राजेंद्र रमोला ने कहा कि नगर स्तर पर रोजगार सृजन केंद्र की स्थापना करें एवं नौकरी को रोजगार न मानें, बल्कि स्वरोजगार, कौशल विकास, स्थानीय उद्योग स्थापित कर दूसरों को रोजगार देने का प्रयास करें। हमें आवश्यकता है कि हम आत्मनिर्भर भारत के सपने को समझे और स्वावलम्बी बनने की ओर कदम बढ़ाएं। आज नारीशक्ति सभी क्षेत्रों में अव्वल स्थान पर है ,हमे श्रम करने वालों को महत्व देकर भारत को स्वावलम्बी बनाना है। हमारा देश युवाओं का देश है जिसमे सम्पूर्ण विश्व का नेतृत्व करने की क्षमता है।
इस अवसर पर श्रीमान दरवान सरियाल प्रांत समन्वयक ने युवाओं से अपील की कि अगर भारत को 100% रोजगार युक्त बनाना है और 100% बेरोजगारी मुक्त और गरीबी मुक्त बनाना है तो हमे रोजगारग्राही नहीं, रोजगार प्रदाता के रूप वाली सोच से आगे बढ़ना है इस अभियान का प्रमुख उद्देश्य राज्य की समस्त युवा शक्ति के साथ महिला व नारी शक्ति को उद्यमिता व स्वरोजगार से जोड़ने, विभिन्न संसाधनों व योजनाओं के माध्यम उनकी आर्थिकी मजबूत करने तथा बेरोजगारी का निराकरण कर देश में जीरो प्रतिशत बी.पी.एल. एवं देश की इकोनॉमी को 10 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाना है।
विशिष्ट अतिथि प्रीति शुक्ला ने कहा कि अभियान के कार्यक्रम में उपस्थित मातृशक्ति को देश की युवा पीढ़ी और देश की नई ऊर्जा बताते हुए स्वावलंबन अपनाने व स्वरोजगार की ओर कदम बढ़ाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि युवाओं को केवल सरकारी नौकरी पाने के पीछे नहीं दौडऩा चाहिए, इसकी बजाय नौकरी देने वाला बनना चाहिए। हमारे देश में विशाल युवा शक्ति है तथा युवाओं के कौशल विकास से ही भारत स्वावलंबी एवं आत्मनिर्भर बनेगा। वो दिन दूर नहीं जब हम युवाओं की इस शक्ति के कारण विश्व गुरु के रूप में स्थापित होंगे।
कार्यक्रम के अंत स्वरोजगार व उद्यमिता के क्षेत्र से जुड़ी विभिन्न छात्र, छात्राओं को सम्मानित किया गया।
संस्कृति थपलियाल कथा वाचक, रॉबिन असवाल विद्यार्थी व्यवसाय, अनिल कुमार विद्यार्थी व्यवसाय, रोहित सिंह विद्यार्थी, विद्युत मरम्मत, रोविका सल पेंटर एवं ग्राफिक डिजाइनर उनको सभी अतिथियों ने पटका व प्रमाण पत्र देते हुए प्रोत्साहित किया और उन्हें इसी प्रकार अपने स्वरोजगार को आगे बढ़ाने के लिए और युवाओं की नई टीम को साथ जोड़ने के लिए भी संकल्पित कराया।
रोविका सल की सफलता की कहानी ऐसी है, जिसने कई युवा दिमागों में आकांक्षाएं जगाई हैं और प्रेरणा की लौ जलाई है।
रोवीका सल ने अपनी सफलता की कहानी बताते हुए कहा कि मैं एक पेंटर और ग्राफिक डिजाइनर हूं। जब मैं दसवी में थी तब से मेरे अंदर ललक थी कुछ आर्ट में कर दिखाने की ,क्योंकि मेरे पापा एक आर्टिस्ट और वायवसायी है, उन्ही से मुझे प्रेरणा मिली। पढ़ाई पूरी हुई ग्रेजुएशन भी मैने फाइन आर्ट्स से किया ,मगर जैसे सबमें लालसा होती है की सरकारी नौकरी मिले ,क्योंकि एक डर होता हैं, अगर काम न चला तो क्या होगा। मगर मोदी जी का स्वरोजगार का नारा और पापा की प्रेरणा से मैने अपना काम खोला और कुछ आर्ट वर्क किया । उत्तराखंड की धरोहर ऐपन आर्ट पर काम कर रही हूं । २ लोगो को भी मेरी वजह से काम मिला ।आज मैं खुश हूं और चाहती हूं आप सब लोग शिक्षा प्राप्त कर अपने व्यवसाय ही करे और देश का नाम रोशन करे।
कार्यक्रम में विद्यालय की समस्त शिक्षिका बहने एवं श्रीमान सुशील कुमार पूर्ण कालिक स्वावलंबी भारत अभियान,श्रीमान श्रीमान संदीप श्रीवास्तव जिला समन्वयक स्वावलंबी भारत अभियान, श्रीमान इंद्रजीत सिंह सल व्यवसायी आदि उपस्थित रहे, कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ, श्रीमान शिशुपाल रावत प्रधानाचार्य सरस्वती शिशु मंदिर इंटर कॉलेज के द्वारा आज के कार्यक्रम की अध्यक्षता हुई ।।