प्रदीप कुमार
श्रीनगर गढ़वाल। उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (से.नि) गुरमीत सिंह ने गुरूवार को जनपद चमोली में बद्रीनाथ के दर्शन और पूजन करते हुए तैनात जवानों का हौसला बढ़ाया चीन सीमा से सटे मलारी में आईटीबीपी, आर्मी और बीआरओ के जवानों से मुलाकात की। सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण इस क्षेत्र के भ्रमण के दौरान राज्यपाल ने जवानों का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में विषम परिस्थितियों में हमारे जवान निःस्वार्थ सेवाभाव से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते है। उनके कारण हम और हमारा देश सुरक्षित है। उन्होंने कहा कि विषम परिस्थितियों में सरहदों पर तैनात देश के जवानों के जोश और जुनून पर हम सबको गर्व है। इस दौरान उन्होंने जवानों से उनकी समस्याओं तथा चुनौतियों के बारे में भी चर्चा की।
राज्यपाल ने कहा कि सीमांत वासी हमारे सीमा प्रहरी है। सीमा पर बसे गांवों को सुरक्षित रखे बिना हम अपनी सीमाओं को सुरक्षित नही रख सकते। वाइब्रेंट विलेज योजना के अंतर्गत सीमावर्ती गांवों में पानी, बिजली, सड़क, स्वास्थ्य, संचार और अन्य बुनियादी सुविधाओं को उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है।
सीमा पर जवानों से मुलाकात के बाद राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि) अपराह्न 11ः30 बजे बद्रीनाथ धाम पहुॅचें। बद्रीनाथ मंदिर में भगवान बद्री विशाल के दर्शन व पूजा करते हुए उन्होंने देश और प्रदेश की सुख समृद्धि व खुशहाली के लिए प्रार्थना की। मंदिर परिसर में मंदिर समिति और तीर्थ पुरोहितों ने राज्यपाल को अंगवस्त्र, तुलसी माला एवं प्रसाद भेंट करते हुए उनका स्वागत किया। इस दौरान राज्यपाल ने श्रद्धालुओं से बातचीत करते हुए यात्रा व्यवस्थाओं का जायजा भी लिया।
राज्यपाल ने बीआरओ गेस्ट हाउस बद्रीनाथ में मास्टर प्लान के तहत संचालित पुनर्निर्माण कार्यों की प्रगति के संबध में भी जानकारी ली। उन्होंने कहा कि जिस तरह से प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी परियोजना बद्रीनाथ मास्टर प्लान के पुर्ननिर्माण कार्यों को तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है वह वेहद प्रशंसनीय और सराहनीय है। इसके लिए शासन प्रशासन की पूरी टीम सहित सभी लोग बधाई के पात्र है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में बद्रीनाथ धाम और भी दिव्य और भव्य नजर आएगा।
इस दौरान जिलाधिकारी हिमांशु खुराना, पुलिस अधीक्षक रेखा यादव, एडीएम डा.अभिषेक त्रिपाठी, संयुक्त मजिस्ट्रेट डा.दीपक सैनी, सीओ पुलिस नताशा सिंह आदि मौजूद थे।