राजस्थान की 13 वर्षीय सुनिधि जांगिड़ लोगों को इस्तेमाल किए गए सैनिटरी पैड के प्रबंधन के स्थायी तरीकों के बारे में शिक्षित करती हैं

राजस्थान की 13 वर्षीय सुनिधि जांगिड़ ने अपने साथियों के मन-मस्तिष्क में स्वच्छता का बीजारोपण किया

नई दिल्ली (पीआईबी) अपनी भावी पीढ़ियों के लिए सुरक्षित वातावरण बनाना एक मूलभूत आवश्यकता है, जिसे पूरा करने के लिए प्रत्येक राष्ट्र को प्रयास करना चाहिए। स्वच्छ भारत मिशन एक ऐसी पहल है, जिसे आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित, स्वच्छ, साफ-सुथरा और कचरा मुक्त भारत बनाने के लिए तैयार किया गया है। स्वच्छ भारत के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान के बाद, जीवन के सभी क्षेत्रों के नागरिक अभियान से जुड़ गए हैं और स्वच्छता आंदोलन चला रहे हैं।

किशोर वय के बच्चों को केंद्रीय और नेतृत्वकारी भूमिका निभाते हुए देखना आनंद का विषय है। राजस्थान के केकड़ी नगर परिषद में सुनिधि जांगिड़ एक ऐसी युवा नेता और स्वच्छता राजदूत हैं, जिनके स्थानीय स्वच्छता आंदोलन के प्रयासों ने सभी का ध्यान आकर्षित किया है। उन्होंने अनुकरणीय नेतृत्व किया है और अपने साथियों के साथ-साथ बड़ों को भी अभियान में शामिल होने को प्रेरित करने के लिए जनता के बीच जागरूकता फैलाई है। तेरह वर्षीय सुनिधि जांगिड़ केकड़ी शहर में कक्षा आठ की छात्रा हैं। वे कम उम्र में ही अपने साथियों के मन-मस्तिष्क में स्वच्छता के बीज बोने के लिए अपने साथी छात्रों के बीच सूचना, शिक्षा और संचार गतिविधियां चला रही हैं। मार्च 2023 में स्वच्छोत्सव के बाद से स्वच्छ भारत राजदूत के रूप में अपनी भूमिका निभाते हुए, सुनिधि ने लोगों को इस्तेमाल किए गए सैनिटरी पैड के प्रबंधन के स्थायी तरीकों के बारे में शिक्षित किया, ताकि सामाजिक अड़चनों को दूर किया जा सके।

सुनिधि ने 17 सितंबर 2023 को स्वच्छता पखवाड़ा-स्वच्छता ही सेवा अभियान के तहत भारतीय स्वच्छता लीग (आईएसएल) 2.0 में स्थानीय निवासियों और छात्रों को अपने विचारों से अवगत कराया। आईएसएल 2.0 के तहत आयोजित विभिन्न गतिविधियों में 500 से अधिक लोगों ने भाग लिया और कार्यक्रम की अध्यक्षता केकड़ी नगर परिषद अध्यक्ष श्री कमलेश कुमार साहू ने की। सुनिधि स्वच्छता के अपने मिशन के बारे में इतनी आश्वस्त थीं कि उन्होंने इतनी बड़ी सभा को संबोधित किया और मुखरता से भीड़ को घर-घर जाकर कचरा इकट्ठा करने, गीले कचरे से खाद बनाने, सिंगल यूज़ प्लास्टिक का बहिष्कार करने सहित स्वच्छता के सर्वोत्तम तरीकों, प्रयुक्त सेनेटरी पैड प्रबंधन, कचरे का स्रोत पृथक्करण आदि के बारे में शिक्षित किया। अंत में, सुनिधि ने अपना लिखा गीत ‘म्हाने साफ-सफाई प्यारी लागे’ (हमें स्वच्छता पसंद है) सुनाया, जिसके बोल यह परिभाषित करते हैं कि स्वच्छता क्या है और यह हम सभी के लिए कितना मायने रखती है। सुनिधि जैसे युवा परिवर्तन के ध्वजवाहक हैं और वे कालांतर में भारत को कचरा मुक्त बनाने में काफी मदद करेंगे।