बांग्लादेश जी20 के लिए भारत द्वारा आमंत्रित 9 अतिथि देशों में से एक है
दोनों नेताओं ने आपसी हित के अंतरराष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा की
दोनों नेताओं ने राजनीतिक, सुरक्षा, आर्थिक, संपर्क और दोनों देशों के लोगों के बीच पारस्परिक संबंधों सहित द्विपक्षीय सहयोग में हुई प्रगति का सकारात्मक मूल्यांकन किया
दोनों नेताओं ने डिजिटल भुगतान, संस्कृति और कृषि के क्षेत्र में सहयोग से संबंधित 3 समझौता-ज्ञापनों के आदान-प्रदान का स्वागत किया
दोनों नेताओं ने राजनीतिक एवं सुरक्षा सहयोग, सीमा प्रबंधन, व्यापार एवं संपर्क, जल संसाधन, विद्युत एवं ऊर्जा, विकासात्मक सहयोग, सांस्कृतिक और दोनों देशों के लोगों के बीच पारस्परिक संबंधों सहित द्विपक्षीय सहयोग के संपूर्ण आयामों पर चर्चा की। इस क्षेत्र के वर्तमान घटनाक्रमों और बहुपक्षीय मंचों पर सहयोग पर भी चर्चा की गई।
दोनों नेताओं ने चट्टोग्राम एवं मोंगला बंदरगाहों के उपयोग और भारत-बांग्लादेश मैत्री पाइपलाइन के शुरू होने से संबंधित समझौते के कार्यान्वयन का स्वागत किया। दोनों नेताओं ने भारतीय रुपये में द्विपक्षीय व्यापार के निपटान की शुरुआत की भी सराहना की और दोनों पक्षों के व्यापारिक समुदाय को इस तंत्र का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया।
दोनों नेताओं ने व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (सीईपीए) पर बातचीत शुरू होने के प्रति उत्सुकता दर्शायी। इस साझेदारी समझौते में वस्तुओं एवं सेवाओं का व्यापार और निवेश की सुरक्षा एवं प्रोत्साहन शामिल होगा।
विकासात्मक सहयोग की विभिन्न परियोजनाओं के कार्यान्वयन पर संतुष्टि व्यक्त करते हुए, दोनों नेताओं ने बाद में एक सुविधाजनक तिथि को निम्नलिखित परियोजनाओं के संयुक्त उद्घाटन के प्रति उत्सुकता दर्शायी:
i. अगरतला-अखौरा रेल लिंक
ii. मैत्री विद्युत संयंत्र की इकाई- II
iii. खुलना-मोंगला रेल लिंक
दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने हेतु निम्नलिखित समझौता ज्ञापनों के आदान-प्रदान का स्वागत किया:
i. भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) और बांग्लादेश बैंक के बीच डिजिटल भुगतान तंत्र में सहयोग से संबंधित समझौता ज्ञापन।
ii. 2023-2025 की अवधि के लिए भारत और बांग्लादेश के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम (सीईपी) के नवीनीकरण से संबंधित समझौता ज्ञापन।
iii. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) और बांग्लादेश कृषि अनुसंधान परिषद (बीएआरसी) के बीच समझौता ज्ञापन।
क्षेत्रीय स्थिति के संबंध में, प्रधानमंत्री मोदी ने म्यांमार के राखीन राज्य से विस्थापित दस लाख से अधिक लोगों को आश्रय देने में बांग्लादेश द्वारा उठाए गए बोझ की सराहना की और शरणार्थियों के सुरक्षित एवं स्थायी वापसी के समाधान के समर्थन में भारत के रचनात्मक एवं सकारात्मक दृष्टिकोण से अवगत कराया।
भारतीय पक्ष ने हाल ही में बांग्लादेश द्वारा घोषित हिन्द-प्रशांत दृष्टिकोण का स्वागत किया। दोनों नेता अपने व्यापक जुड़ाव को और मजबूत करने के लिए मिलकर काम करना जारी रखने पर सहमत हुए।
प्रधानमंत्री हसीना ने भारत सरकार एवं लोगों के आतिथ्य के लिए प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद दिया और दोनों नेताओं ने सभी स्तरों पर बातचीत जारी रखने के प्रति उत्सुकता दर्शायी।