प्रदीप कुमार
श्रीनगर गढ़वाल। आज पर्वतीय राज्यों मे हो रहे भूस्खलन से उत्तराखंड वासियों को बड़ी चिंता का विषय बन हुआ है। आज इस वेदना की स्थिति को देखते हुए सामाजिक कार्यकर्ता शीशपाल सिंह ने कहां की जिस तरह उत्तराखंड व हिमांचल मे हो रही बारिश जो कि कुछ ही घंटो की बारिश से आपदा की बहुत दुःखद खबर देखने को मिल रही है। उन्होंने कहा कि जगह जगह नदियां उफान पर है यह पहाड़ी राज्यों के लिए खतरे की घंटी बजने जैसी है और इसका असर देश के मैदानी छेत्र पर भी हो रहा है जो कि कही छेत्र बाढ़ से जलमग्न हो रहे है। खेती फसल एवं जानमाल का भारी नुकसान हो रहा है। असवाल ने कहा कि आज से पहले 72 घंटे से 40 घंटे की लगातार भारी बारिश होती थी। अपने जीवन मे पहाडो मे देखी है और तब इस तरह की आपदा नहीं होती थी थोड़ा बहुत कही जहाँ कच्चा पहाड़ व खेत मकान टूटना जानमाल का नुकसान देखने को मिलता था और आसमानी बिजली गिरने से गाड़ गदेरे बढ़े हुए होते थे आज जो पर्वतीय क्षेत्रों पहाडो मे जगह जगह जो डाम पावर प्रोजेक्ट बने है बन रहे है और जो डाम का पानी रोककर कई कई किलोमीटर की परधी मे जमा हो रहा है व कई किलोमीटर की सुरंग पहाड़ काटकर ब्लास्टिंग से बनी है और जो निर्माणाधीन है चाहे वह किसी भी विकास कार्यों की हो कही यह जमा पानी व ब्लास्टिंग हमारे पहाड़ो की जड़ो को कमजोर तो नहीं कर रहे है की जो इस तरह भर भराकर कर पहाड़ खिसक रहे है चट्टान टूट रही है और कई हजार करोड़ो की बन सम्पदा सड़क मार्ग पुल ढह रहे है। उन्होंने आगे बताया कि आम जनता व राज्यों का भारी नुकसान हो रहा है मेरा मकसद विकास कार्यों पर प्रशन करना नहीं लेकिन जिस तरह प्रकृति यह संकेत दे रही है भविष्य मे इसके गंभीर परिणाम हो सकते है यह सोचनीय विषय है।-शीशपाल सिंह असवाल