प्रो. फर्स्वाण ऑस्ट्रेलिया में अंतराष्ट्रीय सम्मेलन में करेंगे प्रतिभाग आधुनिकतम वैज्ञानिक तकनीकियों पर शोध पत्र प्रस्तुत करेंगे

गबर सिंह भंडारी

श्रीनगर गढ़वाल। हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के इतिहास, प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के डा. योगम्बर सिंह फर्स्वाण आगामी सात अगस्त से न्यू इंगलैण्ड, यूनिवर्सिटी, आर्मिंडेल, ऑस्टेलिया में होने वाली 14 वीं अंतराष्ट्रीय संगोष्ठी-2023 में प्रतिभाग करेंगे। रविवार को डा. वाईएस फर्स्वाण ऑस्टेलिया के लिए रवाना होंगे। डा. वाईएस फर्स्वाण ने बताया कि सात अगस्त से 14 अगस्त तक यू इंगलैण्ड, यूनिवर्सिटी, आर्मिंडेल, ऑस्ट्रेलिया के ओर से प्रयोजित आर्कियोजूलॉजी का 14 वां अंतराष्ट्रीय सम्मेलन ऑस्ट्रेलिया के केन्स कन्वेन्शन सेन्टर, क्वीन्सलेण्ड, मेंकिया में आयोजित किया जा रहा है। कहा कि इंटरनेशनल कॉन्सिल फार आर्कियोजूलॉजी अमेरिका में स्थापित पुरा-प्राणिविज्ञान की एक उच्चस्तरीय महत्वपूर्ण वैज्ञानिक संस्था है और वह इसके स्टेण्डर्ड मैम्बर है। प्रो. फर्स्वाण के अनुसार इस अर्न्तराष्ट्रीय संगोष्ठी में 50 से अधिक देशों के चार सौ से अधिक पुरा-प्राणिविज्ञान वेताओं द्वारा पुरा-प्राणिविज्ञान के विभिन्न पहलुओं पर अनेक प्रकार के शोध पत्र प्रस्तुत किए जायेंगे। कहा कि वह इस अर्न्तराष्ट्रीय संगोष्ठी में आधुनिकतम वैज्ञानिक तकनीकियों पर आधारित अपना शोध पत्र प्रस्तुत करेंगे। उन्होने बताया कि वह गढ़वाल हिमालय के विभिन्न पुरास्थलों से प्राप्त अस्थियों में एलिमेन्टल एवं ऑयसोटोपिक एनॉलिसिस केविश्लेषण से प्राचीन मानव तथा जन्तुवों के आहार तथा भोजन-प्रवृत्ति की जानकारी प्राप्त करना है। जिसमें रूपकुण्ड से प्राप्त मानव अस्थियों भी सम्मिलित हैं। इस अर्न्तराष्ट्रीय संगोष्ठी में प्रो. फर्स्वाण शोध पत्र प्रस्तुत करने के साथ-साथ एकसत्र की अध्यक्षता भी करेंगे। प्रो. फर्स्वाण इससे पूर्व 1994 से 2020 तक 08 वार पुरा पर्यावरणीय पुरातात्विक विषय के विभिन्न पहलुओं पर अमेरिका, कनाडा, इटली, श्रीलंका में अपने शोध पत्रों को प्रस्तुत कर विश्वविद्यालय का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।