हर व्यक्ति तक पहुंचे साइबर सिक्योरिटी की शिक्षा: डॉ कपिल पंवार

गबर सिंह भंडारी

श्रीनगर गढ़वाल। भारत में तेजी से फैल रही डिजिटल क्रांति के साथ आमजन के आगे हेकिंग की समस्या बढ़ती जा रही है। जिस देश को गुलाम बनाने में ब्रिटिश हुकुमत को कई वर्ष लगे उसी देश को डिजिटल दुनिया की कुछ कंपनियों ने चंद वर्षों में गुलामी का दौर दिखाना शुरू कर दिया है। इस विषय पर गढ़वाल विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर डॉ कपिल पंवार बताते हैं कि भारत की डेढ अरब की जनता को डिजिटल दुनिया की नामी-गिरामी कंपनियां अपनी आगोश में पूरी तरह लाने की दौड़ में हैं वहीं डिजिटल दुनिया में इन कंपनियों और जनता के बीच की खाई का फायदा हेकर्स लगातार उठा रहे हैं। साइबर सिक्योरिटी की शिक्षा प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंचनी चाहिए तभी भविष्य में इन समस्याओं से बचा जा सकता है। आज हेकर्स, जनता के हाथों में पहँुचे मोबाइल और उन मोबाइलों से जमकर साझा हो रहे डाटा को अपनी आमदनी के लिए प्रयोग कर रहे हैं। अज्ञानता के साथ डाटा का हस्तातरण होने से हर रोज हजारों-लाखों लोग साइबर ठगी के शिकार हो रहे हैं। साल-दर-साल मोबाइल प्रयोगकर्ताओं की संख्याँ तेजी से बढ़ रही है। आज गाँव-देहात हो या मजदूर-श्रमिक वर्ग हर कोई मोबाइल पर सोशल मीडिया एप्प से जुड़े हुए है। 2025 रिसर्च फर्म केनालिस की अप्रैल 2023 की रिर्पोट के अनुसार भारत में 60 करोड़ मोबाइल प्रयोगकर्ता है। वहीं रिसर्च फर्म स्टेटकाउंटर के अप्रैल 2023 के आंकड़ों के अनुसार, देश में उपलब्ध सभी मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम में एंड्रॉइड का हिस्सा 95 प्रतिशत से अधिक है।
भारत के इतिहास में डिजिटल क्रांति ने जितनी तेजी से जनता को प्रभावित किया उतना शायद किसी क्रांति ने नहीं किया। एंड्रॉइड प्रयोगकर्ता बहुत सुगमता से मोबाइल फोन का प्रयोग करता है लेकिन अधिकांश प्रयोगकर्ता ये तक नही जानते कि ई-मेल आईडी से रजिस्टर होने वाला उसके मोबाइल में ये ई-मेल बला आखिर है क्या? अधिकांश जनता आज भी ई-मेल का प्रयोग नही करते और न ही उन्हें उसका पासवर्ड की टू-वैरिफिकेशन जैसी सुरक्षा का ज्ञान है। यही वजह है कि हेकर्स उसकी अज्ञानता का फायदा उठाते हैं। भारत में शिक्षा के नाम पर कई मिशन चले जिसके तहत आजादी के बाद जो भी सरकार आई उसने स्कूल चलो से लेकर घर-घर तक साक्षरता का मिशन को चलाने का भरसक प्रयास किया लेकिन भारत की जनता के बीच डिजिटल माध्यमों ने जितनी तेजी से अपनी पैठ बनाई उतनी तेजी से डिजिटल माध्यमों की मूलभूत शिक्षा नही पहुंच पाई । यही कारण है कि अज्ञातवश प्रत्येक व्यक्ति के मोबाइल से अज्ञानतावश डाटा का अवैध स्थानान्तरण हो रहा है जिसका फायदा हेकर्स उठा रहे हैं।