अधिक मास में इन 2 राजयोग के बनते ही चमकेगी 5 राशियों की किस्मत, गुरु होंगे वक्री, राजनीति व्यापार एवं प्रशासनिक क्षेत्र से जुड़े लोगों के भाग्योदय के बन रहे हैं प्रबल योग।

 

 

आचार्य का परिचय
नाम-आचार्य डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल
पब्लिक सर्विस कमीशन उत्तराखंड से चयनित प्रवक्ता वर्तमान में सहायक निदेशक शिक्षा विभाग उत्तराखंड सरकार
निवास स्थान- 56 / 1 धर्मपुर देहरादून, उत्तराखंड।
मोबाइल नंबर-9411153845
उपलब्धियां
वर्ष 2015 में शिक्षा विभाग में प्रथम गवर्नर अवार्ड से सम्मानित वर्ष 2016 में लगातार सटीक भविष्यवाणियां करने पर उत्तराखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उत्तराखंड ज्योतिष रत्न सम्मान से सम्मानित किया वर्ष 2017 में त्रिवेंद्र सरकार ने दिया ज्योतिष विभूषण सम्मान। वर्ष 2013 में केदारनाथ आपदा की सबसे पहले भविष्यवाणी की थी। इसलिए 2015 से 2018 तक लगातार एक्सीलेंस अवार्ड प्राप्त हुआ शिक्षा एवं ज्योतिष क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्यों के लिए 5 सितंबर 2020 को प्रथम वर्चुअल टीचर्स राष्ट्रीय अवार्ड प्राप्त किया। मंत्रों की ध्वनि को यंत्रों में परिवर्तित कर लोगों की समस्त समस्याओं का हल करने की वजह से वर्ष 2019 में अमर उजाला की ओर से आयोजित ज्योतिष महासम्मेलन में ग्राफिक एरा में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दिया ज्योतिष वैज्ञानिक सम्मान। दिसंबर 2022 में राष्ट्रीय ज्योतिष सम्मेलन में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दोबारा दिया उत्तराखंड ज्योतिष रत्न सम्मान/

गबर सिंह भंडारी

श्रीनगर गढ़वाल। ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों का बड़ा महत्व है, हर ग्रह एक निश्चित समय अंतराल के बाद राशि परिवर्तित करते है। इन ग्रहों के गोचर से युति और राजयोग का निर्माण होता है। इसी कड़ी में अब अगस्त में गजकेसरी और सितंबर में केन्द्र त्रिकोण राजयोग का निर्माण होने जा रहा है, इससे कई जातकों को लाभ मिलेगा।
उत्तराखंड ज्योतिष रत्न आचार्य डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल के अनुसार समृद्धि के कारक गुरु ग्रह सितंबर में वक्री होने जा रहे हैं। जिससे केंद्र त्रिकोण राजयोग का निर्माण होगा। किसी की भी कुंडली में 1,4,7,10 ये भाव केंद्र भाव कहलाते हैं, जिन भावों में भगवान नारायण यानी विष्णु का स्थान माना गया है, ये चारों केंद्र के लिए 5 वां और 9वां भाव त्रिकोण भाव बनाता है, इसे लक्ष्मी का स्थान माना गया है, ऐसे में इन भावों के अंदर कोई भी संबंध बनता है तो कुंडली में केंद्र त्रिकोण राजयोग बनता है।
इन राशियों को मिलेगा लाभ
अधिक मास आज से शुरू, 19 साल बाद बन रहा ये संयोग,
मेष राशि : केंद्र त्रिकोण राजयोग का बनना शुभ साबित हो सकता है। गुरु ग्रह आपकी राशि से लग्न भाव में वक्री होने जा रहे हैं। जिन लोगों की मूल कुंडली में गुरु ग्रह की स्थिति ठीक है तो आपको किस्मत का साथ मिलेगा। नौकरी पेशा जातकों के करियर में अच्छी तरक्की होगी और पद व प्रभाव में भी अच्छी वृद्धि होगी। पुराने चले आ रहे रोगों से मुक्ति मिलेगी। इस समय आप काम- कारोबार से संबंध से यात्रा भी कर सकते हैं, जो शुभ साबित होंगी।
धनु राशि : आप लोगों को केंद्र त्रिकोण राजयोग लाभप्रद सिद्ध हो सकता है। क्योंकि गुरु ग्रह आपकी राशि से पंचम भाव में वक्री होने जा रहे हैं। साथ ही वह लग्न और चतुर्थ भाव के स्वामी हैं। आचार्य घिल्डियाल बताते हैं कि यदि मूल कुंडली में ग्रहों की स्थिति उत्तम है तो वाहन और प्रापर्टी का सुख प्राप्त हो सकता है। संतान से जुड़ा कोई शुभ समाचार मिल सकता है। लव लाइफ पटरी पर आ सकती है। वहीं नौकरी पेशा जातकों को इस अवधि में अच्छे अवसर मिलेंगे, जिससे आप अच्छी संतुष्टि महसूस करेंगे।आपको इस समय आकस्मिक धनलाभ भी हो सकता है। इस समय आपके बड़े- बड़े लोगों से संबंध बन सकते हैं।
कर्क राशि : केंद्र त्रिकोण राजयोग बनने से आप लोगों के अच्छे दिन शुरू हो सकते हैं। यदि मूल जन्मकुंडली में आपके ग्रह ठीक हैं तो गुरु ग्रह आपकी राशि से कर्मक्षेत्र में वक्री होने जा रहे हैं। साथ ही वह छठे और नवम स्थान के स्वामी हैं। कोर्ट- कचहरी के मामलों में सफलता मिल सकती है। किस्मत का साथ मिल सकता है। इच्छाओं की पूर्ति हो सकती है। वहीं इस दौरान आपके द्वारा किए जा रहे प्रयास सफल होंगे और मान सम्मान में अच्छी वृद्धि होगी। धर्म कर्म के कार्यों में आपका मन लगेगा। बेरोजगारों को नौकरी मिल सकती है। वहीं नौकरीपेशा लोगों का इस अवधि में प्रमोशन हो सकता है।
पहले सावन चंद्र मास में बना और अब अधिक मास में एक बार फिर बनेगा गजकेसरी राजयोग
संस्कृत शिक्षा के सहायक निदेशक डॉ चंडी प्रसाद घिल्डियाल बताते हैं कि
इस साल सावन महीने में 2 बार गजकेसरी योग का निर्माण हो रहा है। पहला गजकेसरी योग 10 जुलाई को शाम करीब 7 बजे से लेकर 12 जुलाई की देर रात तक है, जबकि दूसरा गजकेसरी योग 7 अगस्त से लेकर 9 अगस्त के प्रात:काल तक बनेगा। हाल ही में 10 जुलाई को शाम 06:59 बजे से सावन का पहला गजकेसरी योग बना है, इस समय चंद्रमा का प्रवेश मेष राशि में हुआ और पहले से ही गुरु की उपस्थिति के कारण दोनों की युति से गजकेसरी योग का निर्माण हुआ है। अब अगस्त में फिर मेष राशि में चंद्रमा और गुरु की युति से सावन का दूसरा गजकेसरी योग बनेगा। 7 अगस्त को चंद्रमा मेष राशि में आएगा और गुरु के साथ मिलकर गजकेसरी योग का निर्मााण करेगा। यह गजकेसरी योग 9 अगस्त को सुबह 07:43:02 तक मान्य होगा।
कब बनता है गजकेसरी राजयोग
मंत्रों की ध्वनि को यंत्रों में परिवर्तित कर जीवन की समस्त समस्याओं का हल करने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध आचार्य डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल बताते हैं कि
कुंडली में गजकेसरी योग का बड़ा महत्व होता है, यह प्रबल धन लाभ का योग बनाता है। गजकेसरी राजयोग गुरु और चंद्रमा के योग से बनता है, जिस व्यक्ति की कुंडली में यह गजकेसरी योग बनता है, वह अत्यंत ही धनवान और शक्ति संपन्न होता है।
इन राशियों का होगा भाग्योदय
मेष राशि – गजकेसरी योग मेष राशि में ही बनेगा, इसके शुभ प्रभाव से भाग्योदय हो सकता है। आपको सलाह दी जाती है कि आप अपनी मूल कुंडली का विश्लेषण करवाएं यदि उस में ग्रहों की स्थिति ठीक होगी तो नौकरीपेशा को कोई बड़ा पद मिल सकता है, करियर में तरक्की होगी। कोई नई योजना या नया कारोबार शुरू कर सकते हैं।गुरु के प्रभाव से विवाह के प्रबल योग है, आपका दांपत्य जीवन खुशहाल रहेगा।
मिथुन राशि : गजकेसरी योग मिथुन राशि वालों के लिए भाग्यशाली रहने वाला है। यदि आपकी कुंडली में मूल ग्रहों की स्थिति ठीक-ठाक है तो व्याापार में जबरदस्त फायदा हो सकता है। व्यापार से जुड़े लोगों को भी इस माह में लाभ हो सकता है।धन लाभ अर्जित करेंगे । बैंक- बैलेंस में वृद्धि और कार्यक्षेत्र में आपकी तारीफ होगी। मूल कुंडली में ग्रहों की स्थिति ठीक होने पर शिक्षा से जुड़े जातकों को बड़ी सफलता मिल सकती है, कोई नया काम शुरू करने के लिए यह समय अनुकूल है।
कर्क राशि : कर्क राशि वालों के लिए गजकेसरी योग शुभ फलदायी रहने वाला है। व्यापारी वर्ग के लोग अपने काम का विस्तार करने में सफल हो सकते हैं। आय के नए स्रोत बनेंगे और आर्थिक पक्ष मजबूत होगा। रुका हुआ प्रमोशन का भी लाभ मिल सकता है। करियर को सही दिशा देने में सफल होंगे। तरक्की के नए रास्ते खुल सकते हैं।
आचार्य डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल बताते हैं कि इस अधिक मास में यद्यपि विवाह आदि शुभ कार्य वर्जित होते हैं परंतु मंत्र और यंत्रों की सिद्धि के लिए यह महीना अत्यंत श्रेष्ठ माना जाता है, वह बताते हैं कि वर्ष 2004 के बाद श्रावण मास में अधिक मास का संयोग 19 वर्ष बाद बन रहा है ,इस लिए लोगों को चाहिए कि समय पर अपनी कुंडली का विश्लेषण करवा कर इस अवसर का लाभ उठाएं।