उत्तराखंड के मुख्य सूचना आयुक्त ने जनपद पौड़ी में भ्रमण के दौरान जिला कार्यालय में आयोजित सूचना का अधिकार (आरटीआई) पर एक दिवसीय कार्यशाला में प्रतिभाग किया।

गबर सिंह भंडारी

पौड़ी/श्रीनगर – उत्तराखण्ड के मुख्य सूचना आयुक्त अनिल चद्र पुनेठा ने जनपद भ्रमण के दौरान जिला कार्यालय में आयोजित सूचना का अधिकार (आरटीआई) अधिनियम-2005 की एक दिवसीय कार्यशाला में बतौर अध्यक्ष के रुप में प्रतिभाग किया। लोक सूचना अधिकारी व प्रथम अपीलीय अधिकारियों के स्तर पर आरटीआई के मामलों के निस्तारण को लेकर आयुक्त सूचना ने कलेक्टर गढ़वाल सहित लोक सूचना अधिकारियों की सराहना की।
सोमवार को जिला कार्यालय सभागार में आयोजित एक दिवसीय आरटीआई कार्यशाला में आयुक्त श्री पुनेठा ने कार्यशाला में उपस्थित लोक सूचना अधिकारियों व प्रथम अपीलीय अधिकारियों को आरटीआई के दिशा-निर्देशों का अनुपालन करते हुए चाही गयी सूचनाओं को समय से उपलब्ध कराने के निर्देश दिये हैं। आरटीआई के तहत प्राप्त आवेदनों का 96 प्रतिशत निस्तारण लोक सूचना अधिकारी स्तर व 4 प्रतिशत प्रथम अपीलीय अधिकारी स्तर पर निस्तारण को लेकर आयुक्त सूचना द्वारा अधिकारियों की सराहना की गयी। कहा कि 96 प्रतिशत आरटीआई का लोक सूचना अधिकारी के स्तर पर सूचनाएं देकर आवेदक को संतुष्ट करना सक्रिय व सकारात्मक कार्यशाली को दर्शाता है। उन्होने कहा कि आजादी के 75 वर्ष में आम आदमी को आरटीआई का अधिकार मिलना एक क्रंतिकारी घटना है। कहा कि जो सूचना आज 10 रु० के शुल्क के साथ प्राप्त हो पा रही है वही सूचना प्राप्त करने के लिए व्यक्ति को न्यायालयों के माध्यम से प्रयास करना पड़ता था। उन्होने कहा कि लोक सूचना अधिकारी का प्रयास यह हो कि वे आरटीआई के प्राप्त आवेदनों पर सकारात्मक दृष्ठिकोण रखते हुए व जनहित का कार्य समझकर समय से सूचना उपलब्ध करायें। उन्होने कहा कि किसी भी सरकारी अधिकारी/कर्मचारी को जनता के हितों मे लिए चुना गया है इसलिए जनहित के विषयों पर किसी भी प्रकार की हिलाहवाली स्वंय को दोखा देने जैसा है। उन्होने कहा कि पूरे प्रदेश में 60 प्रतिशत आरटीआई के आवेदन देहरादून व हरिद्वार से प्राप्त होते हैं वहीं जिन विभागों में अधिकतर आरटीआई लगायी जाती है उनमें मुख्यतया शिक्षा, राजस्व, स्वास्थ्य व वित्त विभाग शामिल है। उन्होने कहा कि आरटीआई को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए राज्य सूचना आयोग द्वारा केन्द्रीय सूचना आयोग को समय-समय पर सुझाव भेजे जाते रहे हैं। उन्होने जिला प्रशासन से अपेक्षा की है कि मासिक स्टॉफ बैठक में आरटीआई की समीक्षा को भी अनिवार्य रुप से स्थान दिया जाए ताकि लोक सूचना अधिकारी आरटीआई में जुड़ने वाले नये दिशा-निर्देशों से रुबरु हो सके।
कार्यशाला में जिलाधिकारी डॉ आशीष चौहान, सीडीओ अपूर्वा पाण्डे, जिला स्तरीय आरटीआई के नोड़ल अधिकारी दीपक रावत, एसडीएम संदीप कुमार, सीईओ डॉ आनन्द भारद्वज, एडी माध्यमिक शिक्षा महावीर सिंह बिष्ट, एएसपी शेखर सुयाल, सीटीओ गीरीश चन्द शाह सहित अन्य लोक सूचना अधिकारी व प्रथम अपीलीय अधिकारी उपस्थित थे।