मंत्री गणेश जोशी ने  गढ़ी कैंट स्थित गोर्खाली सुधार सभा के सभागार में उत्तराखण्ड राज्य नेपाली भाषा समिति द्वारा आयोजित आजाद हिन्द फौज के वीर जवान अमर शहीद कैप्टन दल बहादुर थापा एवं वीर केशरी चंद के 78वें शहीदी दिवस पर उन्हें पुष्प अर्पित कर भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी।

देहरादून, 03 मई। सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने  गढ़ी कैंट स्थित गोर्खाली सुधार सभा के सभागार में उत्तराखण्ड राज्य नेपाली भाषा समिति द्वारा आयोजित आजाद हिन्द फौज के वीर जवान अमर शहीद कैप्टन दल बहादुर थापा एवं वीर केशरी चंद के 78वें शहीदी दिवस पर उन्हें पुष्प अर्पित कर भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी।
सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने शहीद कैप्टन दल बहादुर थापा की वीरता और राष्ट्रभूमि के लिए अमर प्रेम को स्मरण करते हुए कहा कि भारतवर्ष की आजादी के लिये अपने प्राणों की आहुति देने वाले अनेक वीरों में शहीद कैप्टन दल बहादुर थापा का नाम देहरादून के रणबाकुरों में गोर्खा समुदाय में अत्यंत आदर्श से लिया जाता है। आजाद हिन्द फौज के वीर जवानों द्वारा देश की आजादी के लिए जिस जज्बे और लगन के साथ अपने सर्वस्व को निछावर कर दिया उसे देश कभी भुला नहीं सकता। इन रणबाँकुरों की स्मृति में उत्तराखण्ड राज्य नेपाली भाषा समिति एवं अन्य सहयोगी संस्थाओं एवं विभिन्न समाज के सहयोग से प्रतिवर्ष 03 मई को शहीद दिवस के रूप में आयोजित करते हुए इन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।
मंत्री गणेश जोशी ने कहा 23 अगस्त 1941 को जापानियों ने इन्हें युद्धबंदी बना लिया। बंदी जीवन के दौरान इनका परिचय नेताजी सुभाषचंद्र बोस से हुआ। नेताजी की प्रेरणा से वह जापानियों की कैद से छूटने के बाद सन् 1942 में आजाद हिंद फौज में भर्ती हो गये। आजाद हिंद फौज की एक टुकड़ी का नेतृत्व करते हुए बर्मा-कोहिमा सीमा पर वीरता से लड़े। दुर्भाग्य अंग्रेजों ने इन्हें युद्ध बंदी बना लिया, सैनिक अदालत ने इनपर देशद्रोह का मुकदमा चलाया और मौत की सजा दी ।
उन्होंने कहा 03 मई 1945 को आजाद हिंद फौज के दो वीर सपूत शहीद कैप्टन दल बहादुर थापा एवं वीर केशरी चंद को फांसी दी गई। इनके अदम्य साहस और वीरता को देखकर नेताजी सुभाष चंद्र बोसने इन्हें कैप्टन पद से सम्मानित किया था। इस अवसर पर मंत्री गणेश जोशी ने घोषणा की देहरादून के किसी एक स्थान पर शीघ्र ही अमर शहीद कैप्टन दल बहादुर थापा के नाम से शहीद द्वार का निर्माण करवाया जाएगा। जिससे आने वाली पीढ़ियां शहीद की शौर्य गाथा से परिचित हो सकें। इस अवसर पर मंत्री गणेश जोशी ने वीर नारियों और पूर्व सैनिकों को भी सम्मानित किया।