केदारनाथ यात्रा कर घन्टाकरण-घण्डियाल देवता अपने मूल स्थान देवगढ़ी में हुए विराजमान।

गबर सिंह भण्डारी श्रीनगर गढ़वाल

श्रीनगर गढ़वाल – देवभूमि उत्तराखंड लोस्तू बड़ीयारढ़ के ईष्टदेव घन्टाकरण-घण्डियाल देव की 24 अप्रैल को देवगढ़ी से यात्रा का शुभारंभ शुभारंभ हुआ जो क्या आज 30 अप्रैल को देवयान देवगढ़ी में पहुंचकर यात्रा का समापन हुआ इस अवसर पर वहां पर ध्वज निशान स्थापित किए जाते हैं।
समापन के अवसर पर मंदिर समिति के अध्यक्ष सते सिंह भंडारी द्वारा पूरे क्षेत्र को यात्रा के बारे में विस्तृत जानकारी से अवगत कराया मंदिर समिति के रावल दिनेश प्रसाद जोशी द्वारा क्षेत्रीय जनता लोस्तू बडियारगढ़ को आशीर्वाद स्वरूप प्रसाद एवं आशीर्वाद वचन देकर रावल व घन्टाकरण के पश्वा द्वारा मंदिर समिति के अध्यक्ष को देव यात्रा के सफल आयोजन हेतु श्री केदार बाबा श्रीफल-प्रसाद भेंट किया गया।
पश्वा,आर्चाय तथा ढोल-दमाऊ वादकों को सफल यात्रा के फलस्वरूप विदाई दी गई।
मंदिर समिति के अध्यक्ष सते सिंह भंडारी द्वारा देवता के मूल स्थान देवगढ़ी पहुंचने पर सभी भक्तों को यात्रा का पूर्ण विवरण बताकर यात्रा का समापन किया।
इस अवसर पर लोस्तू बडियारगढ़ की क्षेत्रिय जनता भक्तगण की उपस्थिति के साथ मंदिर समिति के अध्यक्ष सते सिंह भंडारी, उपाध्यक्ष राजेंद्र कैंतूरा, सचिव उमेद सिंह मेहरा, कोषाध्यक्ष लक्ष्मण सिंह मेहरा, उप कोषाध्यक्ष चंद्रमोहन गोदियाल, उपसचिव रामेश्वर प्रसाद बड़थ्वाल, मुख्य वेदपाठी आचार्य साकेतानन्द भट्ट, आचार्य बृजमोहन गोदियाल, मंदिर के रावल दिनेश प्रसाद जोशी मनमोहन भट्ट, सुदामा गोदियाल आदि लोग उपस्थित थे।