देहरादून। कोरोना महामारी के बाद कई क्षेत्रों में रोजगार बहुत तेजी से बढ़ा है। इसमें सबसे आगे है पैरामेडिकल का क्षेत्र पैरामेडिकल हेल्थकेयर से जुड़े वे प्रोफेशनल्स होते हैं, जो किसी भी अस्पताल और नर्सिंग होम्स में पेशेंट की देखभाल करने और उनके इलाज में मदद करने की जिम्मेदारी उठाते हैं। इमरजेंसी होने पर प्राथमिक मेडिकल उपचार देने का काम पैरामेडिकल स्टाफ ही करता है। विभिन्न तरह के लैब टेस्ट और रेडियोलॉजी जांच के अलावा मेडिकल उपकरणों और मशीनों के रखरखाव की जिम्मेदारी भी पैरामेडिकल स्टाफ की ही होती है। डीपीएमआई की प्रिंसिपिल डॉक्टर अरूणा सिंह के मुताबिक कोविड के बाद से हेल्थकेयर सर्विस में विशेषकर अस्पताल, आईसीयू, सीसीयू और पैथोलॉजी सेंटर आदि में ट्रेंड पैरामेडिकल स्टाफ की सबसे अधिक जरूरत बढ़ी है, अतः हेल्थकेयर से जुड़े सभी संस्थान बड़ी संख्या में लैब टेक्निशियन, नर्सिंग असिस्टेंट, रेडियोलॉजी टेक्निशियन, फार्मासिस्ट और फिजियोथेरेपिस्ट जैसे पैरामेडिकल प्रोफेशनल्स की भर्तियां कर रहे हैं। मेडिकल के क्षेत्र में पैरामेडिकल का कोर्स भविष्य बनाने के लिए एक अच्छा विकल्प है। इस क्षेत्र में करियर बनाने के इच्छुक युवाओं के लिए यह बेहतरीन अवसर है। 10वीं या 12वीं पास करने के बाद विद्यार्थी पैरामेडिकल से संबंधित विभिन्न कोर्सेस में दाखिला ले सकते हैं। अगर कोई युवा पैरामेडिकल में बैचलर डिग्री हासिल करना चाहता है, तो उसके लिए बॉयोलॉजी से 12वीं पास होना आवश्यक है। हेल्थकेयर के क्षेत्र में डिग्री, डिप्लोमा या सर्टिफिकेट कोर्स पूरा करने के बाद में उप्युक्त नौकरी तथा वेतन पाकर अपना भविष्य संवारा जा सकता है। हालांकि यह जरूरी नहीं कि इसके बाद सिर्फ नौकरी ही करें पैरामेडिकल कोर्स करने के बाद स्वरोजगार भी आरम्भ किया जा सकता है। पैरामेडिकल में डिग्री, डिप्लोमा और सर्टिफिकेट लेवल के कोर्सेज किए जा सकते हैं। जैसे ऑपरेशन थिएटर असिस्टेंट, नर्सिंग असिस्टेंट, एक्स-रे टेक्निशियन, ईसीजी असिस्टेंट, सीटी स्कैन टेक्नीशियन, मेडिकल लैब टेक्नीशियन, एंबुलेंस अटेंडेंट, मेडिकल रिकॉर्ड टेक्नीशियन, डेंटल असिस्टेंट, फिजियोथेरेपिस्ट, डायलिसिस टेक्नीशियन और एमआरआई टेक्निशियन आदि।