Warning: Attempt to read property "post_excerpt" on null in /home1/galaxk5j/viratnewschannel.com/wp-content/themes/newsup/inc/ansar/hooks/hook-index-main.php on line 116
Share this Post

 

इंटरव्यू: श्रीमती प्रीति शुक्ला – समाजसेवा और स्वावलंबी भारत की ओर एक कदम

समाज सेवा का कार्य उन लोगों द्वारा किया जाता है जो दूसरों की भलाई के लिए अपना समय, ऊर्जा और संसाधन समर्पित करते हैं। श्रीमती प्रीति शुक्ला ऐसी ही एक प्रेरणास्त्रोत महिला हैं, जिन्होंने समाज के विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य किए हैं। वह दीपाली फाउंडेशन की अध्यक्ष होने के साथ-साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वावलंबी भारत अभियान की उत्तराखंड प्रांत ,समन्वयक और विश्व हिंदू परिषद की विभाग सयोजक हैं। उनके समर्पण और कार्यों ने समाज के विभिन्न वर्गों में सुधार लाने के साथ-साथ कई लोगों को एक नई दिशा दी है।

श्रीमती प्रीति शुक्ला का समाज सेवा के प्रति रुझान बचपन से ही था। उनका मानना है कि समाज में बदलाव लाने के लिए हमें पहले खुद को बदलना होगा और अपने आसपास के लोगों के लिए कुछ करना होगा। यही सोच उन्हें विभिन्न सामाजिक संगठनों से जुड़ने और सक्रिय रूप से काम करने के लिए प्रेरित करती है।

श्रीमती प्रीति शुक्ला ने देहरादून की बस्तियों में गरीब बच्चों को शिक्षा और संस्कार देने के लिए ‘दीपाली फाउंडेशन’ के माध्यम से संस्कार केंद्र स्थापित किए हैं। इन केंद्रों के जरिए वह बच्चों को न केवल शैक्षिक ज्ञान दे रही हैं, बल्कि उन्हें भारतीय संस्कृति, नैतिक मूल्यों और जीवन के सही दृष्टिकोण से भी अवगत करा रही हैं। इन केंद्रों का उद्देश्य बच्चों को आत्मनिर्भर और सक्षम बनाना है, ताकि वे आने वाले समय में समाज की प्रगति में अपना योगदान दे सकें।

समाज सेवा और ग्राहक जागरण एवं स्वावलंबी भारत अभियान के विभिन्न पहलुओं पर श्रीमती प्रीति शुक्ला जी से वरिष्ठ इस पत्रकार हरिशंकर सिंह ने बातचीत की ,प्रस्तुत है बातचीत के प्रमुख

प्रश्न 1: श्रीमती प्रीति शुक्ला जी, सबसे पहले तो हम आपके समाजसेवा के कार्यों की सराहना करते हैं। कृपया हमें अपने जीवन की शुरुआत और समाजसेवा के प्रति आपके रुझान के बारे में बताइए।

उत्तर:  मेरी समाजसेवा की यात्रा बहुत पहले शुरू हुई थी। बचपन से ही मुझे समाज के लिए कुछ करने की प्रेरणा मिली। विशेष रूप से गरीब और जरूरतमंद बच्चों के लिए शिक्षा देने की सोच ने मुझे इस दिशा में काम करने के लिए प्रेरित किया। धीरे-धीरे मैं विभिन्न सामाजिक संगठनों से जुड़ी और अब मैं दीपाली फाउंडेशन के माध्यम से बच्चों को संस्कार और शिक्षा देने का कार्य कर रही हूं।

प्रश्न 2: आप राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वावलंबी भारत अभियान की उत्तराखंड प्रांत समन्वयक हैं। यह अभियान क्या है और इसमें आपका योगदान क्या है?

उत्तर: स्वावलंबी भारत अभियान का उद्देश्य हमारे देश को आत्मनिर्भर बनाना है, जिसमें हम लोगों को अपने कार्यों और संसाधनों के प्रति जागरूक कर रहे हैं। इस अभियान के माध्यम से हम समाज में शिक्षा, रोजगार, स्वच्छता और स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार करने का प्रयास कर रहे हैं। मुझे उत्तराखंड में इसका संयोजक बनाया गया है, और मैं इस अभियान के तहत लोगों को स्वावलंबन के महत्व से अवगत कराते हुए उन्हें अपनी क्षमता को पहचानने के लिए प्रेरित कर रही हूं।

प्रश्न 3: आप क्या महिला सशक्तिकरण के लिए इस मंच पर आपको कुछ विशेष कार्य करने का अवसर मिल रहा है?

उत्तर: जी हां, मुझे महिलाओं के अधिकारों और उनके सशक्तिकरण के लिए कार्य करने का बहुत अच्छा अवसर मिला है। हम यह सुनिश्चित करते हैं कि महिलाओं को अपनी आवाज उठाने, अपने अधिकारों के बारे में जानने और उनकी समस्याओं का समाधान पाने का अवसर मिले। इसके साथ ही, हम महिलाओं को आर्थिक स्वतंत्रता और शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं। उपभोक्ताओं को जागरूक करने मैं महिलाए बहुत बड़ी भूमिका निभा रही है, जन जागरूकता अभियान चला कर लोगों को जागरूक करने का काम कर रही हैं,

प्रश्न 4: आपने देहरादून की बस्तियों में संस्कार केंद्र चलाए हैं। क्या आप हमें इसके बारे में कुछ और जानकारी दे सकती हैं?

उत्तर:बिल्कुल। देहरादून की बस्तियों में दीपाली फाउंडेशन के माध्यम से हम बच्चों को मुफ्त शिक्षा देने के साथ-साथ उन्हें संस्कार भी प्रदान कर रहे हैं। इन बच्चों को न केवल शैक्षिक ज्ञान दिया जाता है, बल्कि उन्हें भारतीय संस्कृति और मूल्यों से भी अवगत कराया जाता है। हमारी कोशिश है कि ये बच्चे एक सक्षम नागरिक बनें और समाज में बदलाव लाने में अपना योगदान दें।

प्रश्न 5: आपको आने वाले समय में समाजसेवा के क्षेत्र में क्या कदम उठाने की योजना है?

उत्तर: मेरा लक्ष्य हमेशा समाज के सबसे निचले तबके के लोगों तक पहुंचना है, खासकर उन बच्चों तक जो शिक्षा से वंचित हैं। आने वाले समय में मैं और अधिक बस्तियों में संस्कार केंद्र स्थापित करने की योजना बना रही हूं ताकि हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और संस्कार मिल सके। इसके साथ ही, मैं स्वावलंबी भारत अभियान के तहत अधिक लोगों को आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित करूंगी।

प्रश्न 6: आखिर में, आप महिलाओं और युवाओं को समाजसेवा में कैसे योगदान देने के लिए प्रेरित करना चाहेंगी?

उत्तर: मैं हमेशा यह कहती हूं कि अगर हम समाज में बदलाव चाहते हैं तो हमें खुद से शुरुआत करनी होगी। महिलाएं और युवा समाज में सबसे बड़े बदलाव का जरिया बन सकते हैं। उन्हें चाहिए कि वे अपनी शक्ति को समझें और समाज के कमजोर वर्ग की मदद करने के लिए आगे आएं। समाजसेवा में छोटे कदम भी बड़े बदलाव ला सकते हैं। युवाओं को राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान देना चाहिए,

धन्यवाद श्रीमती प्रीति शुक्ला जी! आपके समय और प्रेरणादायक विचारों के लिए हम आपके आभारी हैं।

उत्तर: धन्यवाद! मुझे उम्मीद है कि हम सभी मिलकर समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।

By admin