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“शिक्षाविद जितेंद्र सिंह  का सफरनामा: एक प्रेरणा का पथ”, 
शिक्षाविद जितेंद्र सिंह जी का जीवन एक प्रेरणा है, जो यह साबित करता है कि कठिनाइयाँ और सीमित संसाधनों के बावजूद, व्यक्ति यदि सच्ची मेहनत और समर्पण के साथ काम करे, तो वह सफलता हासिल कर सकता है। उनका यह सफर इस बात का उदाहरण है कि शिक्षा किसी भी व्यक्ति की दुनिया बदल सकती है और यह जीवन की सबसे बड़ी शक्ति है।

प्रारंभिक जीवन और संघर्ष:
शिक्षाविद जितेंद्र सिंह का जन्म एक गरीब किसान परिवार में हुआ था, जहां जीवन की बुनियादी आवश्यकताएँ भी मुश्किल से पूरी होती थीं। लेकिन उनकी परिवारिक पृष्ठभूमि ने उन्हें संघर्ष और मेहनत की अहमियत सिखाई। कम साधनों में ही जीवन की चुनौतियों का सामना करते हुए, उन्होंने शिक्षा को अपना मार्गदर्शन माना। उनके जीवन में पहले दिन से ही यह स्पष्ट था कि शिक्षा ही उनकी सफलता का मुख्य साधन होगी।

प्रारंभिक शिक्षा – गुरुकुल आश्रम:
शिक्षाविद जितेंद्र सिंह ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गुरुकुल आश्रम से प्राप्त की। यहां, उन्होंने न केवल शास्त्रीय शिक्षा ली, बल्कि जीवन के नैतिक और संस्कार आधारित मूल्यों को भी आत्मसात किया। इस शिक्षा से उन्हें न केवल वैदिक और धार्मिक ज्ञान मिला, बल्कि यह भी समझ में आया कि ज्ञान ही समाज में परिवर्तन लाने का सबसे प्रभावी उपकरण है।

शिक्षण कार्य का आरंभ:
गुरुकुल से शिक्षा प्राप्त करने के बाद, जितेंद्र सिंह ने शिक्षा के क्षेत्र में अपना करियर शुरू किया। उन्होंने विभिन्न कॉलेजों में शिक्षण कार्य किया, जहां से उन्होंने न केवल शैक्षिक अनुभव प्राप्त किया, बल्कि छात्रों के मनोबल और दिशा को समझने का भी अवसर मिला। इस दौरान, उन्हें यह एहसास हुआ कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए एक सही संस्थान का होना अत्यंत आवश्यक है।

जगन्नाथ कॉलेज की स्थापना:
शिक्षण कार्य के साथ-साथ उन्होंने अपनी एक बड़ी पहचान बनाई और जगन्नाथ कॉलेज की स्थापना की। इस कॉलेज ने शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता और समर्पण का एक नया मानक स्थापित किया। यहां छात्रों को न केवल उच्च स्तर की शिक्षा दी गई, बल्कि उन्हें जीवन के हर पहलू में तैयार किया गया।

डीडी कॉलेज ग्रुप की स्थापना:
वर्ष 2013 में, जितेंद्र सिंह ने डीडी कॉलेज ग्रुप की स्थापना की, जो अब देहरादून के निंबूवाला गढ़ी कैंट में स्थित है। डीडी कॉलेज ग्रुप प्रमुख संस्थान हैं:
 डीडी पब्लिक स्कूल गढ़ी कैंट देहारादून 

डीडी पब्लिक स्कूल सेलकुई  देहारादून 

डीडी कॉलेज देहारादून 

 डीडी लॉ कॉलेज और बीएड कॉलेज

इस कॉलेज ग्रुप की स्थापना के पीछे उनका मुख्य उद्देश्य यह था कि वे समाज के हर वर्ग के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कर सकें। उनके लिए शिक्षा का मतलब केवल अकादमिक ज्ञान नहीं था, बल्कि यह सामाजिक परिवर्तन, व्यक्तिगत विकास और संस्कारों से भी जुड़ा हुआ था। डीडी कॉलेज ग्रुप के तहत छात्रों को एक ऐसा वातावरण प्रदान किया गया, जिसमें वे न केवल अच्छे नागरिक बन सकें, बल्कि पेशेवर जीवन में भी सफलता प्राप्त कर सकें।

सम्मान और सराहना:
जितेंद्र सिंह के शिक्षा के क्षेत्र में किए गए योगदान को कई समाचार चैनल, दैनिक जागरण और अन्य प्रिंट मीडिया ने सराहा। उन्हें सामाजिक संगठनों द्वारा भी सम्मानित किया गया, जिससे उनके अथक परिश्रम और समर्पण को व्यापक पहचान मिली। यह सम्मान उनके द्वारा किए गए कार्यों का प्रतिफल था और शिक्षा के प्रति उनके समर्पण को दर्शाता था।

समाज के प्रति जिम्मेदारी:
जितेंद्र सिंह का मानना है कि शिक्षा का उद्देश्य केवल छात्रों को किताबों का ज्ञान देना नहीं, बल्कि उन्हें जीवन के हर क्षेत्र में बेहतर और जिम्मेदार नागरिक बनाना है। इसके लिए, उनके कॉलेजों में छात्रों के सर्वांगीण विकास पर जोर दिया जाता है। इसके साथ ही, उन्होंने समाज की सेवा के लिए भी कई पहलें शुरू की हैं, जैसे मुफ्त शिक्षा कार्यक्रम और समाज के कमजोर वर्गों के लिए विशेष छात्रवृत्तियाँ।

भविष्य की योजनाएँ:
आज जितेंद्र सिंह के नेतृत्व में डीडी कॉलेज ग्रुप शिक्षा के क्षेत्र में एक मजबूत नाम बन चुका है, और वे आने वाले समय में इसे और भी बड़े पैमाने पर विस्तार देने की योजना बना रहे हैं। उनके दृष्टिकोण में, शिक्षा के माध्यम से समाज में बदलाव लाना, छात्रों को सिर्फ अकादमिक सफलता नहीं, बल्कि जीवन के हर पहलू में सफल बनाना है। वह निरंतर नए कार्यक्रम और कोर्स लेकर आ रहे हैं, जो छात्रों को न केवल भारत में, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी प्रतिस्पर्धी बना सके।
जितेंद्र सिंह का जीवन एक प्रेरणा है, जो यह साबित करता है कि कठिनाइयाँ और सीमित संसाधनों के बावजूद, व्यक्ति यदि सच्ची मेहनत और समर्पण के साथ काम करे, तो वह सफलता हासिल कर सकता है। उनका यह सफर इस बात का उदाहरण है कि शिक्षा किसी भी व्यक्ति की दुनिया बदल सकती है और यह जीवन की सबसे बड़ी शक्ति है।

शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान को कई पुरस्कारों और मान्यताओं से सराहा गया हैउनका यह सफर शिक्षा के प्रति समर्पण, निरंतर प्रयास, और छात्रों के लिए प्रेरणा देने का उदाहरण प्रस्तुत करता हैडॉ. जितेंद्र सिंह से शिक्षा के विभिन्न पहलुओं पर वरिष्ठ पत्रकार  हरिशंकर सैनी ने साक्षात्कार किया, प्रस्तुत है साक्षात्कार के प्रमुख अंश-

1. आपने शिक्षा क्षेत्र में कदम रखने का निर्णय क्यों लिया और आपके लिए यह यात्रा कैसी रही?
– मैंने शिक्षा को समाज का सबसे अहम हिस्सा माना, क्योंकि यह एक व्यक्ति की सोच और भविष्य को आकार देती है। शुरुआत में कुछ कठिनाई आई, लेकिन धीरे-धीरे हमने शिक्षा के माध्यम से समाज में बदलाव लाने की दिशा में काम किया और सफलता मिली।

2. डीडी कॉलेज ग्रुप के संस्थान (डीडी पब्लिक स्कूल, लॉ कॉलेज और बीएड कॉलेज) की स्थापना के पीछे आपका उद्देश्य क्या था?
– मेरा उद्देश्य था कि हम उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा दें, जिससे हमारे छात्र न सिर्फ अच्छे नागरिक बनें, बल्कि समाज में अपने पेशेवर जीवन में भी सफल हों। इसलिए हमने स्कूल से लेकर कॉलेज तक के संस्थान खोले, ताकि हर स्तर पर छात्रों को बेहतरीन शिक्षा मिल सके।

3. कौन सी विशेषताएँ हैं जो डीडी पब्लिक स्कूल को अन्य स्कूलों से अलग बनाती हैं?
– डीडी पब्लिक स्कूल में हम केवल अकादमिक शिक्षा नहीं, बल्कि छात्रों का सर्वांगीण विकास करते हैं। यहां बच्चों को नैतिक शिक्षा, खेलकूद और सांस्कृतिक गतिविधियों पर भी जोर दिया जाता है, ताकि वे समाज के जिम्मेदार नागरिक बन सकें।

4. आपके द्वारा चलाए जा रहे लॉ कॉलेज और बीएड कॉलेज में विद्यार्थियों के लिए क्या विशेष अवसर और संसाधन प्रदान किए जाते हैं?
– हमारे लॉ कॉलेज में छात्रों को हर तरह की प्रैक्टिकल ट्रेनिंग दी जाती है, ताकि वे कोर्ट और न्यायिक प्रणाली के बारे में गहरी समझ पा सकें। बीएड कॉलेज में हम शिक्षकों के लिए विशेष प्रशिक्षण देते हैं, ताकि वे अपने छात्रों को सही दिशा में मार्गदर्शन कर सकें।

5. शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव और नवाचार के लिए आप क्या कदम उठा रहे हैं?
– हम आधुनिक तकनीकों और डिजिटल उपकरणों का उपयोग कर रहे हैं। ऑनलाइन शिक्षा और इंटरेक्टिव क्लासरूम्स जैसी नई पहलें लेकर आए हैं, ताकि छात्र आसानी से सीख सकें और शिक्षकों के साथ बेहतर संवाद स्थापित कर सकें।

6. आजकल शिक्षा में तकनीकी बदलाव आ रहे हैं, डीडी कॉलेज ग्रुप इस बदलाव को किस प्रकार अपना रहा है?
– हम डिजिटल शिक्षा के प्रति पूरी तरह से समर्पित हैं। हम स्मार्ट क्लासरूम्स, ऑनलाइन परीक्षा प्रणाली और डिजिटल लाइब्रेरी का उपयोग कर रहे हैं, जिससे छात्रों को कहीं से भी शिक्षा प्राप्त करने का मौका मिल सके।

7. आपके अनुसार, एक अच्छे शिक्षक की क्या विशेषताएँ होती हैं और डीडी कॉलेज ग्रुप इन विशेषताओं को किस तरह विकसित करता है?
– एक अच्छे शिक्षक को छात्रों के प्रति संवेदनशील और प्रोत्साहक होना चाहिए। डीडी कॉलेज ग्रुप में हम अपने शिक्षकों को लगातार प्रशिक्षण देते हैं, ताकि वे छात्रों की जरूरतों को समझ सकें और उन्हें बेहतर तरीके से मार्गदर्शन कर सकें।

8. विद्यालय और कॉलेज के छात्रों के लिए आप किस तरह की अतिरिक्त गतिविधियाँ या कार्यक्रमों की योजना बना रहे हैं, ताकि वे केवल अकादमिक सफलता ही नहीं, बल्कि समग्र विकास भी कर सकें?
– हम खेलकूद, कला, संगीत, नृत्य और समाज सेवा जैसे कार्यक्रमों को बढ़ावा दे रहे हैं, ताकि छात्र केवल पढ़ाई में ही नहीं, बल्कि अन्य गतिविधियों में भी अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर सकें।

9. आपके कॉलेज ग्रुप में समाज सेवा या सामाजिक जिम्मेदारी को किस तरह शामिल किया है?
– हम छात्रों को समाज सेवा में शामिल करते हैं, जैसे स्वच्छता अभियान, रक्तदान कैंप, और पर्यावरण संरक्षण जैसे कार्यों में। इससे छात्रों को समाज की जिम्मेदारियों का अहसास होता है और वे इसे अपने जीवन में अपनाते हैं।

10. भविष्य में डीडी कॉलेज ग्रुप के संस्थानों के लिए आपकी क्या योजनाएँ हैं और आप किस दिशा में विस्तार करना चाहते हैं?
– हम आगे और अधिक कोर्सेस और विशेष संस्थान खोलने की योजना बना रहे हैं। इसके अलावा, हम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने पर ध्यान दे रहे हैं।

11. आपको क्या लगता है, वर्तमान में शिक्षा प्रणाली में सबसे बड़ी चुनौती क्या है और उसे सुधारने के लिए आपके द्वारा क्या कदम उठाए जा रहे हैं?
– सबसे बड़ी चुनौती है शिक्षा का समान वितरण और गुणवत्ता की कमी। हम अपने संस्थानों में हर छात्र को समान अवसर देने के लिए काम कर रहे हैं और उनके लिए संसाधन उपलब्ध करवा रहे हैं।

12. क्या आप छात्रों को रोजगार की दिशा में मार्गदर्शन प्रदान करते हैं, और क्या आपके कॉलेज ग्रुप में औद्योगिक और पेशेवर संपर्क के अवसर उपलब्ध हैं?
– हम अपने छात्रों के लिए रोजगार मेलों का आयोजन करते हैं और उन्हें इंटर्नशिप और औद्योगिक ट्रेनिंग के मौके भी देते हैं, ताकि वे रोजगार के लिए तैयार हो सकें।

13. आपके कॉलेज ग्रुप में महिलाओं और समाज के अन्य वंचित वर्गों के लिए क्या विशेष प्रयास किए जा रहे हैं?
– हम महिलाओं और वंचित वर्गों के लिए विशेष छात्रवृत्तियाँ और अन्य सहायता प्रदान करते हैं, ताकि वे शिक्षा में आगे बढ़ सकें और समान अवसर पा सकें।

14. आपके हिसाब से, शिक्षा में संस्कार और नैतिक मूल्यों का क्या महत्व है और आपके संस्थानों में इन पहलुओं पर कैसे ध्यान दिया जाता है?
– शिक्षा केवल ज्ञान का नहीं, बल्कि नैतिक मूल्यों और संस्कारों का भी मामला है। हम अपने संस्थानों में छात्रों को ईमानदारी, मेहनत और समाज सेवा के महत्व के बारे में सिखाते हैं, ताकि वे सही मार्ग पर चल सकें।

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