हर्रावाला,देहरादून। आयुर्वेद की शिक्षा को देश-विदेश में फैलाने के लिए देश के प्रतिष्ठित उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय हर्रावाला देहरादून में प्रथम भव्य दीक्षांत समारोह कल 16 दिसंबर को विश्वविद्यालय के मुख्य परिसर हर्रावाला में आयोजित किया जाएगा। विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रोफेसर सुनील जोशी जी के निर्देशन में दीक्षांत समारोह को भव्य एवं गरिमापूर्ण बनाने के लिए विश्वविद्यालय स्तर पर व्यापक तैयारियां की गयी है।
आज विश्वविद्यालय के तीनों कैंपस के जुड़े वरिष्ठ शिक्षकों समितियों के सदस्यों एवं विश्वविद्यालय से जुड़े विभागाध्यक्ष, समस्त प्राइवेट कॉलेजों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में दीक्षांत समारोह का पूर्वाभ्यास किया गया। आज प्रातः आयुर्वेद के आदिप्रवर्तक भगवान धन्वंतरी जी की पूजा एवं हवन किया गया जिसमें समस्त फैकल्टी मेंबर एवं विद्यार्थियों ने भाग लिया।
विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलसचिव डॉ राजेश अधाना ने बताया कि इस दीक्षांत समारोह में विश्वविद्यालय के माननीय कुलाधिपति एवं राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल श्री गुरमीत सिंह(से.नि.) की की अध्यक्षता में।में दीक्षांत समारोह गरिमा पूर्ण ढंग से मनाया जाएगा। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री पुष्कर सिंह धामी माननीय मुख्यमंत्री उत्तराखंड, एवं श्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक पूर्व केंद्रीय शिक्षा मंत्री एवं पूर्व मुख्यमंत्री उत्तराखंड, आचार्य बालकृष्ण जी विशिष्ट अतिथि रहेंगे। आयुर्वेद के विद्यार्थियों को आशीर्वाद देने के लिए विशेष रूप से निरंजनी अखाड़े के पूज्य आचार्यश्री महामंडलेश्वर कैलाशानंद जी महाराज , आद्य जगतगुरु शंकराचार्य श्री राजराजेश्वराश्रम जी महाराज हरिद्वार, महामंडलेश्वर हरि चेतन आनंद जी आशीर्वाद प्रदान करेंगे। इस कार्यक्रम में कई विश्वविद्यालयों के माननीय कुलपति, आयुक्त, विभागीय सचिव, निदेशक एवं 200 से शिक्षा एवं समाज के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले अधिक विशिष्ट व्यक्तियो को आमंत्रित किया गया। विश्वविद्यालय के उपकुलसचिव डॉ बालकृष्ण पवार ने बताया। कि दीक्षांत समारोह का ऑफिशियल कार्यक्रम 11:00 से 1:30 तक का रहेगा। जिसमें 16 सौ से अधिक छात्र-छात्राओं को बीएएमएस एमडी आदि की उपाधियां प्रदान की जाएंगी तथा 100 से अधिक गोल्ड मेडलिस्ट छात्र छात्राओं को स्वर्ण पदक प्रदान किया जाएगा। दीक्षांत समारोह के लिए विशेष रूप से कुलगीत की रचना की गई है।
उपकुल सचिव संजय गुप्ता ने बताया विश्वविद्यालय के द्वारा विशेष रूप से कुछ सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां-छोलिया नृत्य गढ़वाल टोली(ब्रह्म कमल) नृत्य, भांगड़ा नृत्य तथा प्रत्येक कॉलेज के दो दो टीमों द्वारा विभिन्न प्रकार के 22 सांस्कृतिक कार्यक्रम सायं 3:00 बजे से रात्रि 10:00 बजे तक किए प्रोफेसर नरेश चौधरी के निर्देशन में किये जाएंगे। सायंकाल के सत्र में हास्य कवि एवं श्रृंगार, वीर रस के कवियों को आमंत्रित किया गया है जिसमें देश के माने हुए कवि गजेंद्र सोलंकी जी, सुनील साहिल जी, प्रताप फौजदार, विनोद पालजी, महिमा श्रीजी, श्रीकांत जी आदि सुप्रसिद्ध कवि एवं ख्याति प्राप्त हस्तियां भाग लेंगी। आज प्रशासनिक भवन में कुलपति प्रोफेसर सुनील जोशी की की अध्यक्षता में एक समीक्षा बैठक आयोजित की गई जिसमें तीनों परिसरो के परिसर निदेशक -प्रो०डी.सी.सिंह, प्रो० पंकज शर्मा, प्रो०डी.पी.पैन्यूली, अमित जैन मुख्य वित्त अधिकारी,प्रो० प्रेमचंद शास्त्री डीन प्रो ० अनूप गक्खड़, प्रो० अजय गुप्ता, प्रो० ओपी सिंह, प्रो०के.के. शर्मा, प्रो०खेमचंद शर्मा, प्रो० राधाबल्लभ सती, प्रो० माधवी गोस्वामी, डा०देवेश शुक्ला,डॉ सतीश कुमार डॉ विवेक वर्मा , प्रो०वीरेंद्र टम्टा,डा० शोभित वाष्णेय, डॉक्टर मयंक भट्ट कोठी डॉक्टर ऋषि आर्य डॉ डीसी पांडे, डॉ अनुराग वत्स, प्रो० उत्तम शर्मा, डॉ डीके सेमवाल डॉ आशुतोष चौहान, प्रोफेसर गिरिराज गर्ग, प्रोफेसर रमेश तिवारी, प्रो० अवधेश मिश्रा, मंयक भट्कोटि, उप कुलसचिव शैलेंद्र प्रधान, विवेक जोशी सहित वरिष्ठ शिक्षकों एवं विभिन्न समिति के अध्यक्षों सदस्यों एवं समस्त प्राइवेट कॉलेज के प्रिंसिपल, प्रतिनिधियोंने भाग लिया। आयोजित समारोह के मीडिया प्रभारी डॉ नवीन जोशी, प्रोफेसर नरेश चौधरी, चंद्रमोहन पैन्यूली, संजीव पांडे उप कुलसचिव, नंदकिशोर दाधीचि, डॉ राजीव कुरेले, डॉ विपिन अरोरा ने बताया कि प्रथम बार दीक्षांत समारोह आयोजित किया जा रहा है जिससे विश्वविद्यालय से जुड़े समस्त शिक्षक गणों कर्मचारियों एवं विद्यार्थियों में पूर्ण उत्साह एवं मनोयोग से कार्यक्रम में प्रतिभाग करेंगे। स्थानीय लोगों जनप्रतिनिधियों ने कार्यक्रम की सफलता के लिए शुभकामनाएं व्यक्त की है