डॉ. एस. सी. गौड़ ओरेशन से पद्म श्री डॉ. बी. के. एस. संजय सम्मानित

डॉ. एस. सी. गौड़ ओरेशन से पद्म श्री डॉ. बी. के. एस. संजय सम्मानित
*पद्म श्री डॉ. बी. के. एस. संजय द्वारा प्रयागराज में डॉ. एस. सी. गौड़ व्याख्यान
, देहरादून! इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन कन्वेंशन सेंटर प्रयागराज में प्लेट्सकॉन 2022 के दौरान पद्म श्री से सम्मानित वरिष्ठ ऑर्थोपीडिक एवं स्पाइन सर्जन डॉ. बी. के. एस. संजय, निदेशक, संजय ऑर्थाेपीडिक, स्पाइन एवं मैटरनिटी सेंटर को प्रतिष्ठित डॉ. एस. सी. गौड़ ओरेशन से सम्मानित किया गया। सम्मेलन का आयोजन प्रयागराज आर्थाेपीडिक एसोसिएशन के डॉ. एन. के. अग्रवाल, डॉ. के. डी. त्रिपाठी एवं डॉ. मनीषि बंसल के द्वारा किया गया। डॉ. एस. सी. गौड़ अपने समय के जाने-माने आर्थाेपीडिक सर्जन थे। उन्होंने यू.पी. ऑर्थाेपीडिक एसोसिएशन की वृद्धि और विकास के लिए बहुत योगदान दिया है।
इस सम्मेलन का उद्घाटन मुख्य अतिथि डॉ. राम चड्ढा, विशिष्ट अतिथि पद्म श्री डॉ. बी. के. एस. संजय, डॉ. डी. डी. तन्ना, डॉ. के. डी. त्रिपाठी और डॉ. मनीषि बंसल ने किया।
 डॉ. संजय ने सम्मेलन के दौरान अपने संबोधन में कहा कि “पैरों का स्वास्थ्य उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि हृदय का“। किसी भी व्यक्ति का विकास चलने-फिरने पर निर्भर करता है। जीवन के हर पड़ाव पर चलना महत्वपूर्ण है, हालाँकि, यह बचपन में अधिक महत्वपूर्ण है। 2011 की जनगणना के अनुसार सभी विकलांगताओं में 20 प्रतिशत लोग चलने-फिरने की विकलांगता से पीड़ित हैं। विकृति के मुख्य कारण पोलियो, क्लब फुट और सीपी हैं। हालाँकि हाल के वर्षों में सड़क यातायात दुर्घटनाऐं सभी विकृतियों का मुख्य कारण बन गया है। किसी भी प्रकार की अक्षमता से न केवल शारीरिक क्षति होती है बल्कि मानसिक, आर्थिक और सामाजिक हानि भी होती है। हम सभी को विकसित होने के लिए अनुकूल वातावरण की आवश्यकता है लेकिन अक्षम लोगों को और अधिक। विकलांग लोगों की आवश्यकताऐं भी एक सक्षम व्यक्ति की तरह ही होती हैं।
विकृति का सुधार जल्दी ही किया जाना चाहिए। आम लोगों की धारणा है कि बच्चों के बड़े हो जाने पर ही ऑपरेशन करना चाहिए लेकिन जितनी जल्दी सुधार होगा, उतना ही अच्छा परिणाम मिलेगा। डॉ. संजय ने प्लेट्सकॉन 2022 के संदर्भ में यह भी बताया कि जोड़ और फ्रैक्चर के लिए प्लेट ही एकमात्र विकल्प है और जब फ्रैक्चर को छोटे और सरल प्रत्यारोपण से ठीक किया जा सकता है तो बड़ी और महंगी प्लेटों की कोई आवश्यकता नहीं होती है जैसा कि रहीम दास ने कहा है “रहिमन देखि बड़ेन कोए लघु न दीजिए डारि। जहां काम आवे सुईए कहा करे तरवारि।।”
सम्मेलन के दौरान डॉ. संजय ने यह भी कहा कि अगर हम सबके पैरों की सेहत ठीक नहीं हुई होती और हम चल नहीं रहे होते तो आज हम जहां पहुंचे हैं वहां नहीं पहुंच पाते। दूसरे शब्दों में, जो चल नहीं सकते, वे वहाँ नहीं पहुँच सकेंगे जहाँ हम पहुँचे हैं। वे केवल सपने देख सकते हैं और जो लोग चलते हैं वे सिर्फ सपने ही नहीं देख सकते बल्कि अपने सपनों को पूरा भी कर सकते हैं। किसी भी कारण से होने वाली विकृति और अपंगता को जल्द से जल्द ठीक कर लेना चाहिए क्योंकि पौधों को आसानी से सीधा किया जा सकता है, पेड़ों को नहीं।
गौरतलब है कि हाल ही में डॉ. बी. के. एस. संजय को स्वच्छता के क्षेत्र में सामाजिक योगदान के लिए नगर निगम, देहरादून द्वारा ब्रांड एंबेसडर के रूप में चयन किया गया है।