*विश्व प्रसिद्ध गणितज्ञ सुपर 30 के जन्मदाता आनंद कुमार ने सेंचुरी मिल परिसर में पहुंचकर छात्र-छात्राओं का किया मार्गदर्शन*——————— *🌹💥
लालकुआँ /विश्व प्रसिद्ध भारतीय गणितज्ञ एवं शिक्षा जगत में विराट व्यक्तित्व के धनी शिक्षा के विकास में अपूर्व कार्य करने वाले मानवीय मूल्यों के सजग प्रहरी जाने – मानें शिक्षक सुपर 30 के संस्थापक आनन्द कुमार ने सेंचुरी पल्प एण्ड पेपर मिल में पहुंचकर छात्र- छात्राओं के विशाल समूह को मिल परिसर के कम्यूनिटी सेंटर में आईआईटी एंट्रेस परीक्षा के लिए टिप्स दिए* *💥💥💥💥💥💥💥💥💥
मिल प्रबंधन के आवाहन पर यहाँ पहुंचें विश्व विख्यात अंतरराष्ट्रीय गणितज्ञ आनन्द कुमार ने छात्र- छात्राओं के बीच सहज भाव से अपने अनुभव साझा करते हुए छात्र- छात्राओ की जिज्ञासा पर उन्हे बेहतर मार्ग दर्शन प्रदान किया सेंचुरी मिल के एच आर हैड़ अरुण प्रकाश पाण्डेय ने बताया कि आनन्द कुमार को मिल प्रबंधन की ओर से बुलाया गया है
💥💥💥💥💥💥💥💥💥💥💥उल्लेखनीय है, कि जनपद नैनीताल के लालकुआं स्थित सेंचुरी पल्प एण्ड पेपर मिल एक ऐसा औद्योगिक संस्थान है, जिसने आस -पास के क्षेत्रों में आम लोगों के विकास व सुविधाओं से जुड़े मामलों में आगे बढ़कर योगदान करते रहने से स्थानीय लोगों का भरोसा भी जीता है। मामला चाहे शिक्षा का हो, पर्यावरण का हो, स्वच्छता का हो, पेयजल का हो, स्वास्थ्य का हो, जागरुकता का हो या फिर निर्माण सम्बन्धी कार्य हों, हर मामले में सेंचुरी मिल का सहयोग व योगदान किसी से छुपा नहीं है। इतना ही नहीं क्षेत्र भर में आयोजित होने वाले सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक कार्यों में भी मिल द्वारा हर सम्भव सहयोग प्रदान किया जाता है। सेंचुरी पल्प एण्ड पेपर मिल अपने सामाजिक दायित्वों का निंर्वहन बड़ी सजगता के साथ करती रहती है। सजगता के इसी क्रम में बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए देश के ख्याति प्राप्त अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक को यहां आमंत्रित करके शिक्षा के क्षेत्र में एक नई अलख जगाई है यहाँ यह बताते चले कि एक जनवरी 1973 को बिहार के पटना में जन्में आनन्द कुमार राष्ट्रीय तथा अन्तरराष्ट्रीय गणित की पत्रिकाओं के स्तम्भकार भी हैं। सुपर 30 कार्यक्रम के कारण वे बेहद लोकप्रिय हुए आर्थिक रूप से पिछड़े छात्रों को भरपूर मदद करने के कारण इन्हें मानवीय मूल्यों का सजग प्रहरी भी कहा जाता है डिस्कवरी चैनल ने भी इनके कार्यों पर लघु फ़िल्म बनाई है। बताया जाता है कि इनका प्रारंभिक जीवन आर्थिक संकटो में रहा पिताजी भारतीय डाक विभाग में क्लर्क थे। जिस कारण निजी विद्यालयों के अधिक खर्चों के कारण उन्हें वहाँ पढ़ा न सके। इस कारण आनन्द कुमार ने हिन्दी माध्यम के सरकारी विद्यालय में दाखिला लिया, जहाँ उन्हें गणित से अत्यधिक लगाव हो गया। इसी लगाव के चलते उन्होंने देश व प्रदेश में जो ख्याति अर्जित की वह अतुलनीय है पिताजी की मृत्यु के बाद माँ के साथ पापड़ बेचने में हाथ बटाते हुए अपनी लगन के बल पर उन्होंने जो ख्याति अर्जित की है उससे यह सीख मिलती है यदि लक्ष्य ऊंचा हो तो एक न एक दिन अवश्य प्राप्त होता है* *
💥💥💥आनंद कुमार ने गरीबी के वह दिन देखे हैं जो बेहद कष्टकारी होते हैं इनके इंस्टिट्यूट में गरीब छात्रो को IIT कि फ्री में कोचिंग क्लास दी जाती है गरीब छात्रो को मुफ्त में शिक्षा देकर उन्होंने अनेक छात्र-छात्राओं का भविष्य संवारा है इनका मुख्य उद्देश्य ही गरीब छात्रो की काबिलियत को समझकर योग्य बनाना है उनके सपने को पूरा करने के लिए आनंद कुमार सुपर 30 के छात्रो को मुप्त में शिक्षा देते है* * *
💥विराट अनुभव के धनी आनंद कुमार की उपलब्धियों की बहुत ही लंबी गाथा है बारहाल सेंचुरी पल्प एंड पेपर मिल परिसर में छात्र-छात्राओं ने उन्हें अपने बीच पाकर के गौरवान्वित महसूस* *किया तथा अपनी जिज्ञासा शांत की व उनका मार्गदर्शन प्राप्त कर अनेक जानकारियां हासिल की इस अवसर पर कार्यक्रम में मुख्य रूप से एचआर हेड अरुण प्रकाश पांडे , सतीश वर्मा , राजेश खत्री , प्रताप सिंह धौनी , हेमेंद्र सिंह राठौड , भरत पांडे मुकेश पाठक , सुमित भारद्वाज ,दीपक कुमार सहित अनेकों मौजूद रहे*//// रमाकान्त पन्त///