टीकाकरण कोविड-19 महामारी पर भारत की जीत की प्रतीक – स्वामी चिदानन्द सरस्वती

राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस
हम अपने बच्चों और आने वाली पीढ़ियों को संक्रामक रोगों से बचा सकते हैं
टीकाकरण कोविड-19 महामारी पर भारत की जीत की प्रतीक –
स्वामी चिदानन्द सरस्वती

ऋषिकेश, 16 मार्च। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने आज राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस के अवसर पर देशवासियों को जागरूक करते हुये कहा कि टीकाकरण सार्वजनिक स्वास्थ्य सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। टीकाकरण संक्रामक रोगों को रोकने का प्रभावशाली तरीका है।
प्रतिवर्ष 16 मार्च को टीकाकरण के प्रति जागरूकता हेतु ‘राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस’ का आयोजन किया जाता है। राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस 2022 की थीम है – ‘‘वैक्सीन वर्क फॉर ऑल।’’
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि कोविड-19 के समय टीकाकरण सभी के लिये अत्यंत उपयोगी सिद्ध हुआ है जिसने दुनिया भर में लोगों को सुरक्षा प्रदान की हैं। भारत ने पोलियो उन्मूलन के लिये भी एक उल्लेखनीय पहल शुरू की थी। जिसके अन्र्तगत 5 वर्ष तक की आयु के बच्चों को पोलियो वैक्सीन की दो बूँदें प्रदान की जाती हैं। भारत ने पल्स पोलियो कार्यक्रम के माध्यम से एक बड़ी सफलता प्राप्त की और वर्ष 2014 में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत को ‘पोलियो मुक्त देश’ घोषित कर दिया।
स्वामी जी ने कहा कि कोविड -19 ने हमें टीकों के महत्व और हमें स्वस्थ रहने के लिये हमारे जीवन में टीकों की भूमिका को समझाया है। टीकाकरण हमारे स्वास्थ्य और जीवन प्रत्याशा में सुधार के साथ-साथ कोविड-19 और पोलियो जैसे रोगों पर भारत की जीत का भी प्रतीक है। टीकाकरण श्रेष्ठ माध्यम है जिससे हम अपने बच्चों और आने वाली पीढ़ियों को संक्रामक रोगों से बचा सकते हैं।
स्वामी जी ने कहा कि टीकाकरण अभियानों को सही और सुरक्षित तरीके से कार्यान्वित करने से उन सभी बीमारियों को समाप्त करने में मदद मिल सकती है, जो वर्तमान में प्रसारित हो रही है और जो हमारे बच्चों को भविष्य में भी हो सकती है।
टीकाकरण न केवल बच्चों को पोलियो और टेटनस जैसी घातक बीमारियों से बचाता है, बल्कि इसके माध्यम से खतरनाक बीमारियों को समाप्त कर अन्य बच्चों को भी इन बीमारियों से सुरक्षित रखता है।