ऋषिकेश, 23 फरवरी। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने विश्व शांति और समझ दिवस की शुभकामनायें देते हुये कहा कि आज का दिन ‘सेवा परमो धर्मः’ का संदेश देता है। वैश्विक स्तर पर सभी नागरिक समझ, शांति और सद्भाव बनाए रखने के साथ ही एक दूसरे की संस्कृति, संस्कार और जीवन मूल्यों का सम्मान करें तो शान्तिमय विश्व का निर्माण सम्भव है।
स्वामी जी ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति की जिम्मेदारी है कि वह एक ऐसी दुनिया बनाने में मदद करे जहां लोग शांति और समझदारी के साथ जीवन जी सके। यदि हम सभी स्वयं पर कार्य करे तो हम एक सुखद भविष्य और सुरक्षित पर्यावरण का निर्माण कर सकते है।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि वर्तमान समय में वैश्विक परिदृश्य में पर्यावरण एक अहम मुद्दा है। बढ़ता भूमंडलीय उष्मन ग्रीनहाउस गैसों का प्रभाव, जैव विविधता संकट तथा प्रदूषण को नियंत्रित करना आज के दौर की मुख्य चुनौतियाँ हैं। पर्यावरण संरक्षण के बिना वैश्विक शान्ति की कल्पना नहीं की जा सकती।
स्वामी जी ने कहा कि विश्व के लगभग सभी धर्म पर्यावरण के प्रति सद्भाव व नैतिकता का पालन करने की प्रेरणा देते हैं क्योंकि धर्म और पर्यावरण में एक गहरा संबंध है और सभी धर्मों का दृष्टिकोण भी प्रकृति के प्रति सकारात्मक रहा है। विश्व के सभी समुदायों में धर्म एक महत्त्वपूर्ण स्थान रखता है और बड़ी संख्या में लोग धर्म में आस्था रखते हैं इसलिये पर्यावरण संरक्षण में धर्म अहम भूमिका निभा सकता है और पर्यावरणीय समस्याओं को हल करने में मदद मिल सकती है।
हिंदू धर्म में प्रकृति को महत्त्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। भगवद्गीता में कहा गया है कि ईश्वर सर्वव्यापी है तथा विभिन्न रूपों में सभी प्राणियों में विद्यमान है इसलिये सभी जीवों की रक्षा करनी चाहिये। सभी धर्मों में पर्यावरण को संरक्षित करने की बात कही गई है। विश्व के लगभग सभी प्रमुख धर्मों ने पर्यावरण संरक्षण हेतु कार्य करने की प्रतिबद्धता प्रदर्शित की तथा उनकी इस प्रतिबद्धता को ‘जीवंत पृथ्वी के लिये पवित्र उपहार’ का नाम दिया गया परन्तु इस मुहिम में सभी का सहभाग जरूरी है।
विश्व शांति और समझ दिवस, रोटरी क्लब का जन्मदिन भी है। शांति के प्रसार के लिये इस दिन को पूरी दुनिया में मनाया जाता है। बेहतर मानवीय संबंध बनाने के लिए एक-दूसरे से प्रेम, सम्मान, सद्भावना, शांति और समझ विकसित करना जरूरी है।
वैश्विक शान्ति के लिये आपस में प्रेम, सम्मान, सद्भावना, शांति और समझ विकसित करना जरूरी-स्वामी चिदानन्द सरस्वती
वल्र्ड पीस एंड अन्डरस्टैंडिंग डे
वैश्विक शान्ति के लिये आपस में प्रेम, सम्मान, सद्भावना, शांति और समझ विकसित करना जरूरी-स्वामी चिदानन्द सरस्वती