राष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनाएं
महिलाओं के प्रति सम्मान और सुरक्षा नितांत आवश्यक
लैंगिक समानता के लिये हर भारतीय की जागरूक जरूरी
स्वामी चिदानन्द सरस्वती
ऋषिकेश। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने सुप्रसिद्ध कवयित्री, महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और प्रखर नेता सरोजिनी नायडू जी के जन्मदिवस पर देशवासियों को शुभकामनायें देते हुये विदेश की धरती से भेजे अपने संदेश में कहा कि सरोजनी नायडू जी ने भारत के स्वतंत्रता आंदोलनों में अग्रणी भूमिका निभायी, वे हमेंशा से ही युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत रही हैं। उन्हें अपनी कविताओं के माध्यम से पूरे भारत में देशभक्ति का रंग भरने का अद्भुत कार्य किया है। उनकी कविताओं में देशभक्ति और राष्ट्र निष्ठा देखकर महात्मा गांधी जी ने उन्हें द नाइटिंगेल ऑफ इंडिया, व भारत कोकिला से नवाज़ा है। आज उनके जन्मदिवस पर हम सभी भारतीयों की ओर से उन्हें भावपूर्ण श्रद्धाजंलि और नमन।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि वर्तमान समय में भी भारत को नारी शक्ति की सशक्त भूमिका सुनिश्चित करने के साथ-साथ लैंगिक सशक्तिकरण की नितांत आवश्यकता है। भारत की महिलायें और लड़कियां प्रत्येक क्षेत्र में आगे हैं परन्तु उनके प्रति सम्मान और सुरक्षा को बढ़ावा देने की जरूरत है। आज भी भारत के कुछ राज्यों में व्याप्त लैंगिक अंतराल हमारी बेटियों के वर्तमान और भविष्य को दर्शाता है।
स्वामी जी ने कहा कि भारत में लैंगिक समानता लाने की दिशा में आज हमने काफी प्रगति की है, लेकिन आने वाले वर्षों में लैंगिक असमानता को दूर करने के के लिये सभी को मिलकर प्रयास करना होगा तभी भारतीय समाज न्याय और सामाजिक समानता स्थापित कर सकता है। भारत जैसे सशक्त राष्ट्र में पूर्ण रूप से लैंगिक समानता लाने के लिये हर भारतीय को जागरूक होना होगा।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि सरोजिनी नायडू जी महान गायिका और देशभक्त थी उन्हें आने वाली पीढ़ियाँ सदैव याद रखेगी और उनका नाम भारतीय इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में हमेशा अंकित रहेगा।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि वर्तमान समय में भी भारत को नारी शक्ति की सशक्त भूमिका सुनिश्चित करने के साथ-साथ लैंगिक सशक्तिकरण की नितांत आवश्यकता है। भारत की महिलायें और लड़कियां प्रत्येक क्षेत्र में आगे हैं परन्तु उनके प्रति सम्मान और सुरक्षा को बढ़ावा देने की जरूरत है। आज भी भारत के कुछ राज्यों में व्याप्त लैंगिक अंतराल हमारी बेटियों के वर्तमान और भविष्य को दर्शाता है।
स्वामी जी ने कहा कि भारत में लैंगिक समानता लाने की दिशा में आज हमने काफी प्रगति की है, लेकिन आने वाले वर्षों में लैंगिक असमानता को दूर करने के के लिये सभी को मिलकर प्रयास करना होगा तभी भारतीय समाज न्याय और सामाजिक समानता स्थापित कर सकता है। भारत जैसे सशक्त राष्ट्र में पूर्ण रूप से लैंगिक समानता लाने के लिये हर भारतीय को जागरूक होना होगा।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि सरोजिनी नायडू जी महान गायिका और देशभक्त थी उन्हें आने वाली पीढ़ियाँ सदैव याद रखेगी और उनका नाम भारतीय इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में हमेशा अंकित रहेगा।