देहरादून। सूबे के सबसे कद्दावर नाम व माहिर राजनीतिक खिलाड़ी पूर्व सीएम हरीश रावत रामनगर से कांग्रेस से चुनावी समर में उतर गए हैं। रामनगर में उनका सीधा मुकाबला भाजपा प्रत्याशी व अपने रिश्ते के भांजे दीवान सिंह बिष्ट से होगा। बता दें कि हरीश रावत ताऊ के लड़के व दीवान सिंह की माता चाचा की लड़की है। इस हिसाब से अब मामा व भांजे के चुनाव में आमने सामने होने से मुकाबला रोमांचक होने के आसार है। इस सीट पर कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रणजीत रावत ने अभी पत्ते नहीं खोले हैं। यदि रणजीत रावत भी मैदान में उतर गए तो मुकाबला और, रोचक हो जाएगा।
रामनगर सीट पर पिछले एक साल से हरीश रावत हरदा ने सक्रियता बढ़ा दी थी। हर पुराने कांग्रेस नेता से मिलना व रामनगर के बाजार में जलेबी बनाना, दुकान में जाकर चाट बनाना, चाय बनाना, सड़क किनारे खड़े ठेले पर लीची खाने व हर बार रामनगर के लोगों से अपना पुराना रिश्ता बताने से हरदा के रामनगर से चुनाव लडऩे की अटकलें लगने लगी थी। पूर्व में महंगाई के खिलाफ यात्रा व मालधन में जनसभा भी की थी। लेकिन उनके दीवान सिंह बिष्ट के उनके भांजे होने की वजह से हरदा के रामनगर से चुनाव लडऩे की अटकलों पर विराम लग रहा था। इस बार भी भाजपा ने दीवान सिंह बिष्ट को टिकट दिया है। हरदा भी अब रामनगर की सीट से ही भांजे के सामने ताल ठोकने के लिए उतर गए हैं।इस सीट पर 2017 में कांग्रेस ने सल्ट के पूर्व विधायक रणजीत रावत का मैदान में उतारा था। वह चुनाव हार गए थे। इस चुनाव में भी वह रामनगर से ही चुनाव लङने की तैयारी में थे। पुराने राजनीतिक गुरू के मैदान में उतरने की घोषणा के बाद अब रणजीत रावत के सामने सल्ट सीट का ही विकल्प बचता है। फिलहाल रामनगर में कांग्रेस का एक गुट रणजीत रावत के निर्दलीय मैदान में उतरने की चर्चा कर ,हा है। यदि रणजीत रावत मैदान में उतरते है तो हरीश रावत को भांजे के साथ ही चेले से मुकाबला करना होगा।साभार जनपक्ष आजकल डॉटकॉम